कौन हैं वीना रेड्डी, भारत में चुनावी फंडिंग को लेकर बीजेपी सांसद कर रहे जांच की मांग
वीना रेड्डी के कार्यकाल में USAID इंडिया की फंडिंग 2022 में रिकॉर्ड 228 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई. अब यह फंडिंग चुनावी हस्तक्षेप के आरोपों के चलते विवादों में आ गई है.

Veena Reddy News: अमेरिकी एजेंसी USAID (यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) की पूर्व भारत निदेशक वीना रेड्डी इन दिनों चर्चा में आ गई हैं. विवाद तब गहराया जब भाजपा सांसद महेश जेठमलानी ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कथित रूप से 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग की जांच की मांग की.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस फंडिंग को लेकर चिंता जताई और कहा कि "यह फंड लोकसभा चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है."
कौन हैं वीना रेड्डी?
आंध्र प्रदेश में जन्मी अमेरिकी राजनयिक वीना रेड्डी 5 अगस्त 2021 को USAID इंडिया में शामिल हुईं. 17 जुलाई 2024 को उन्होंने अमेरिका लौटने की घोषणा की. पूर्व में वे न्यूयॉर्क, लंदन और लॉस एंजिल्स में कॉर्पोरेट अटॉर्नी रही हैं. उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ऑफ ज्यूरिसप्रूडेंस और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से एमए और बीए की डिग्री हासिल की.
उन्होंने पाकिस्तान, मध्य एशियाई देशों और मध्य अमेरिका में USAID के लिए भी काम किया. वे न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया की बार काउंसिल की सदस्य भी रह चुकी हैं.
USAID इंडिया के लिए बढ़ती फंडिंग: आंकड़े क्या कहते हैं?
वीना रेड्डी के कार्यकाल में USAID द्वारा भारत को दी जाने वाली फंडिंग में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई. 2001 के बाद 2022 में सबसे ज्यादा 228 मिलियन डॉलर (1982 करोड़ रुपये) फंड मिला.
वर्ष फंडिंग (USD मिलियन में)
2020 83.2
2021 94.3
2022 228
2023 175.7
2024 151.8
2022 में मिले 228 मिलियन डॉलर में से 50% (140.7 मिलियन डॉलर) स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च हुआ, 25.09 मिलियन डॉलर मातृ और शिशु स्वास्थ्य पर,10.57 मिलियन डॉलर HIV/एड्स रोकथाम पर, 7.186 मिलियन डॉलर पर्यावरण संरक्षण पर, 5.6 मिलियन डॉलर ऊर्जा परियोजनाओं पर.
वीना रेड्डी का भारत में कार्यकाल और प्रमुख प्रोजेक्ट्स
भारत और भूटान में USAID का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी राजनयिक कंबोडिया, हैती, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भी USAID मिशन का नेतृत्व किया.
रेलवे, नीति आयोग, NTPC ग्रीन, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम, जनजातीय मामलों के मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और अटल इनोवेशन मिशन जैसे सरकारी निकायों के साथ USAID के कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया. डिजिटल पेमेंट, स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रोग्राम्स को प्रमोट करने के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा किया.
USAID की फंडिंग पर विवाद क्यों?
भाजपा सांसद महेश जेठमलानी ने 21 मिलियन डॉलर की कथित फंडिंग की जांच की मांग की. डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि यह फंड भारत के लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि वे (USAID) किसी और को निर्वाचित कराने की कोशिश कर रहे थे. हमें भारत सरकार को बताना होगा." अब देखना होगा कि भारत सरकार इस मामले पर क्या कदम उठाती है और क्या USAID की फंडिंग की जांच होगी.
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Source: IOCL























