एक्सप्लोरर

मास्टर स्ट्रोक! वक्फ संशोधन विधेयक नहीं, ये है मोदी सरकार का ब्रह्मास्त्र, एक साथ कई टारगेट सेट

वक्फ संशोधन विधेयक का भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी पार्टियों ने जमकर समर्थन किया. तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने जमकर विरोध.

3 अप्रैल 2025 को देर रात 1.56 बजे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ऐलान किया कि लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में 288  वोट पड़े है, जबकि विरोध में 232 वोट पड़े. इस वोटिंग के साथ ही वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हो गया है. अब इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा. 

इस विधेयक का भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी पार्टियों ने जमकर समर्थन किया. तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने जमकर विरोध. लेकिन इस बीच सवाल उठता है कि चुनावी गणित पर इस बिल का क्या असर पड़ सकता है. 

दरअसल इस विधेयक को पास कर मोदी सरकार ने यह संदेश दिया है कि वह अपने फैसलों में दृढ़ है और किसी भी तरह के दबाव को स्वीकार नहीं करती. वक्फ संशोधन विधेयक, जिसे संसद में भारी बहस के बाद पास किया गया से केंद्र सरकार को कई रणनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद है. 

इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं कि अगर वक्फ संशोधन बिल को लोकसभा में पास करवा के बीजेपी ने क्या मैसेज दिया है

240 सीटों के बाद भी फैसले लेने के लिए पूरी तरह सक्षम 

विपक्ष के दिमाग में यह बात बैठी हुई थी कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं के समर्थन पर निर्भर बीजेपी सरकार वक्फ संशोधन विधेयक जैसे अहम मुद्दे पर हिचकिचाएगी. लेकिन लोकसभा में 240 सीटों के साथ भी, भारतीय जनता पार्टी ने दिखा दिया कि वह किसी भी दबाव से मुक्त होकर अपने फैसले लेने में पूरी तरह सक्षम है, जैसे पहले 303 सीटों के साथ हुआ था. यह न सिर्फ इस पार्टी की शक्ति का प्रतीक है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के फैसले की क्षमता की भी मिसाल पेश करता है. 

2019 में जब भारतीय जनता पार्टी ने दूसरी बार सत्ता में वापसी की, तो उस वक्त उन्होंने केवल 6 महीने के भीतर तीन महत्वपूर्ण फैसले लागू किए—तीन तलाक, अनुच्छेद 370 को हटाना और नागरिकता संशोधन कानून (CAA). हालांकि उन फैसलों के वक्त बीजेपी के पास 303 सीटों का बहुमत था, जो स्पष्ट रूप से पार्टी की ताकत का प्रतीक था. लेकिन वहीं साल 2024 में जब पार्टी तीसरी बार सत्ता में आई, उनकी सीटें घटकर 240 में सिमट गई थी. लेकिन, बावजूद इसके केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक को पेश किया और उसे पास कराने में कोई संकोच नहीं किया. इस कदम से यह साफ हो गया कि प्रधानमंत्री मोदी का फैसला लेने का तरीका और उनकी नेतृत्व क्षमता अब भी वही है, जो पहले थी. 

यह विधेयक इस बात का प्रमाण है कि मोदी सरकार में बहुमत भले ही कम हो, लेकिन नेतृत्व में किसी तरह की कमी नहीं आई है. 

विपक्ष की मुस्लिम वोटबैंक राजनीति को चुनौती

वक्फ संशोधन विधेयक का पारित होना विपक्ष द्वारा मुस्लिम वोटबैंक पर की जा रही राजनीति को कमजोर कर सकता है. जहां एक तरफ विपक्ष मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की रक्षा के नाम पर राजनीति करता है, वहीं मोदी सरकार ने यह सिद्ध कर दिया कि मुस्लिमों के हितों में बदलाव लाने का मतलब उनका विरोध करना नहीं है. विपक्ष द्वारा मुस्लिम समुदाय को डराकर राजनीतिक लाभ उठाने की रणनीति अब प्रभावी नहीं दिख रही. इससे विपक्ष के भीतर एक असमंजस की स्थिति पैदा हो सकती है, जो सरकार के लिए फायदेमंद होगा.

समाज के छोटे समुदायों को भरोसा
वक्फ संशोधन विधेयक के माध्यम से सरकार ने यह दिखा दिया कि छोटे अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में चर्चा के दौरान कहा था कि पारसी समुदाय जैसे छोटे अल्पसंख्यकों को भी भारत में पूरी सुरक्षा प्राप्त है. सरकार का यह बयान उन समुदायों को भरोसा दिलाता है कि उनका भविष्य सुरक्षित है. इस विधेयक के पास होने से छोटे अल्पसंख्यकों को भी यह भरोसा मिलेगा कि सरकार उनकी सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है.

चुनावी राजनीति में सकारात्मक असर
वक्फ विधेयक का पारित होना चुनावी राजनीति में बीजेपी के लिए एक रणनीतिक फायदा हो सकता है. अगले कुछ महीनों में बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में चुनाव होने वाले हैं और बीजेपी ने इस विधेयक के जरिए अपना सशक्त रूप प्रस्तुत किया है. चुनावी राजनीति में यह सरकार के पक्ष में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, क्योंकि यह संकेत देगा कि बीजेपी सरकार किसी भी दबाव के आगे झुकने वाली नहीं है और वह अपनी योजनाओं को लागू करने में पूरी तरह से दृढ़ है. इस निर्णय के साथ ही पार्टी ने अपने सख्त राजनीतिक रुख को और अधिक स्पष्ट कर दिया है.

विपक्षी दलों के लिए चुनौती
विपक्षी दलों के लिए यह विधेयक एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है, क्योंकि वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर उनकी रणनीति को पूरी तरह से झटका लगा है. विपक्ष ने इसे मुस्लिम समाज के खिलाफ एक कदम बताया था, लेकिन अब जब यह विधेयक लोकसभा में पास हो चुका है, तो यह विपक्ष के लिए एक बड़ा उलटफेर हो सकता है. विपक्ष को यह समझने की जरूरत है कि अब मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के नाम पर सियासी खेल नहीं चलने वाला, और उन्हें नए राजनीतिक समीकरण के हिसाब से काम करना होगा.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

नितिन नबीन दूसरे सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष, खरगे सबसे बुजुर्ग; सबसे कम उम्र के किस नेता के पास पार्टी की कमान?
नितिन नबीन दूसरे सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष, खरगे सबसे बुजुर्ग; सबसे कम उम्र के किस नेता के पास पार्टी की कमान?
महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव की तारीखों का ऐलान, 15 जनवरी को BMC के लिए वोटिंग, 16 को नतीजे
महाराष्ट्र: नगर निगम चुनाव का बजा बिगुल, 15 जनवरी को BMC के लिए वोटिंग, 16 को नतीजे
'देवता को एक मिनट भी विश्राम नहीं करने देते और धनी लोग तो..., श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन की टाइमिंग पर बोले CJI सूर्यकांत
'देवता को विश्राम नहीं करने देते', श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन की टाइमिंग पर बोले CJI सूर्यकांत
'एक रुपया नहीं है..'कंगाल अंगद बेदी संग अपनी बेटी की शादी नहीं करवाना चाहते थे नेहा धूपिया के पेरेंट्स
'कंगाल' अंगद बेदी संग अपनी बेटी की शादी नहीं करवाना चाहते थे नेहा धूपिया के पेरेंट्स

वीडियोज

Gold Investors Alert! अब पुराने Gold से भी कमाएं Passive Income | Gold Leasing Explained
Vodafone Idea में तूफानी तेजी! AGR Moratorium की खबर से शेयर 52-Week High पर| Paisa Live
Indian Stock Market गिरा! FPI Selling, Global Weakness का असर | Paisa Live
India@2047 Entrepreneurship Conclave: इंडिगो मिस मैनेजमेंट पर ये बोलकर राघव ने किस पर साधा तंज?
India@2047 Entrepreneurship Conclave: जाने कैसे होगा 'MY भारत' प्लेफॉर्म से युवाओं का विकास !

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
नितिन नबीन दूसरे सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष, खरगे सबसे बुजुर्ग; सबसे कम उम्र के किस नेता के पास पार्टी की कमान?
नितिन नबीन दूसरे सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष, खरगे सबसे बुजुर्ग; सबसे कम उम्र के किस नेता के पास पार्टी की कमान?
महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव की तारीखों का ऐलान, 15 जनवरी को BMC के लिए वोटिंग, 16 को नतीजे
महाराष्ट्र: नगर निगम चुनाव का बजा बिगुल, 15 जनवरी को BMC के लिए वोटिंग, 16 को नतीजे
'देवता को एक मिनट भी विश्राम नहीं करने देते और धनी लोग तो..., श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन की टाइमिंग पर बोले CJI सूर्यकांत
'देवता को विश्राम नहीं करने देते', श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन की टाइमिंग पर बोले CJI सूर्यकांत
'एक रुपया नहीं है..'कंगाल अंगद बेदी संग अपनी बेटी की शादी नहीं करवाना चाहते थे नेहा धूपिया के पेरेंट्स
'कंगाल' अंगद बेदी संग अपनी बेटी की शादी नहीं करवाना चाहते थे नेहा धूपिया के पेरेंट्स
ऑस्ट्रेलिया में शाहीन अफरीदी की घनघोर बेइज्जती, डेब्यू मैच में हो गया ये कांड, जानें पूरा मामला
ऑस्ट्रेलिया में शाहीन अफरीदी की घनघोर बेइज्जती, डेब्यू मैच में हो गया ये कांड, जानें पूरा मामला
BJP के नए कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन ने संभाला कार्यभार, दिल्ली हेडक्वार्टर में अमित शाह और जेपी नड्डा मौजूद
BJP के नए कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन ने संभाला कार्यभार, दिल्ली HQ में शाह-नड्डा मौजूद
मार्च से पहले पीएफ से यूपीआई होगा लिंक, ATM से निकलेगा पैसा; जानें कैसे आसान हो जाएगा प्रोसेस
मार्च से पहले पीएफ से यूपीआई होगा लिंक, ATM से निकलेगा पैसा; जानें कैसे आसान हो जाएगा प्रोसेस
इंसानी आंखों को चकमा देने में माहिर है ये सांप, काटा तो पानी भी नहीं होगा नसीब
इंसानी आंखों को चकमा देने में माहिर है ये सांप, काटा तो पानी भी नहीं होगा नसीब
Embed widget