UP Election 2022: यूपी में अब होगा तीसरे चरण का रण, 16 जिलों की 59 सीटों पर होगी वोटिंग, अखिलेश के करहल में भी मतदान
Assembly Election: 20 फरवरी को तीसरे चरण के लिए यूपी के 16 जिलों की 59 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. यानि तीसरे चरण की चुनौती बड़ी है क्योंकि ये पहले दोनों चरण के मुकाबले चुनाव ज्यादा जिलों में है.
UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर नोएडा तक अचानक दिन में धूप जलाने लगी है. तापमान के तेवर जरा तीखे हो गए हैं लेकिन ये गर्मी सिर्फ मौसम में नहीं है. मौसम की गर्मी से ज्यादा तपिश उत्तर प्रदेश के चुनावों में महसूस हो रही है. सोमवार को दूसरे चरण के लिए 55 सीटों पर मतदान हुआ और दूसरे चरण के समापन के साथ-साथ तीसरे चरण का रण शुरू हो चुका है. 20 फरवरी को तीसरे चरण के लिए यूपी के 16 जिलों की 59 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. यानि तीसरे चरण की चुनौती बड़ी है क्योंकि ये पहले दोनों चरण के मुकाबले चुनाव ज्यादा जिलों में है.
अगले चरण में यूपी के तीन हिस्सों अवध, पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड में चुनाव है. तीसरे चरण में पश्चिमी यूपी के पांच जिले फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, कासगंज और हाथरस हैं जहां 19 विधानसभा सीटें हैं. अवध रीजन के कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, 6 जिले हैं जहां 27 विधानसभा सीटें हैं. और बुंदेलखंड में झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा जिले में मतदान है जहां 13 विधानसभा सीटे हैं.
हर पार्टी के लिए जरूरी है तीसरा चरण
59 सीटों वाला तीसरा चरण हर पार्टी के लिए जरूरी है. बीजेपी पिछली बार के प्रदर्शन को बरकरार रखना चाहती है जबकि समाजवादी पार्टी पिछले नतीजों को अपने पक्ष में लाना चाहती है. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने 59 में से 49 सीटों पर कब्जा किया था. समाजवादी पार्टी के हिस्से 8 सीटें आई थीं. जबकि कांग्रेस और बीएसपी को सिर्फ एक-एक सीट ही मिली थी.
खास बात ये है कि तीसरे चरण में जिन 16 जिलों में चुनाव होना है उनमें से 9 जिले यादव बहुल आबादी वाले हैं. इसमें फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा और एटा जैसे जिले शामिल हैं. 2017 में 30 यादव बहुल सीटों के बाजवूद एसपी सिर्फ 6 सीटें जीत पाई थी. सत्ता में रहते हुए ये समाजवादी पार्टी का सबसे खराब प्रदर्शन था.
यही वजह है कि यादव बहुत जिले को साधने के लिए बीजेपी ब्रिगेड परिवारवाद पर निशाना साध रही है. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी हिंदुत्व की लहर पर सवार थी, जिसका फायदा साफ दिखाई दिया था. इस बार भी मुसलमान और दंगे जैसे शब्दों की गूंज के बाद सबसे ज्यादा शोर हिजाब पर मच रहा है.
तीसरे चरण में 30 सीटें ऐसी हैं जो यादव बहुल हैं और ये सीटें फिरोजाबाद कन्नौज, मैनपुरी, इटावा जैसे जिलों में आती हैं. इसी मैनपुरी की करहल सीट से समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं. अखिलेश को जिताने के लिए चाचा शिवपाल यादव पुरानी बातें भूलकर प्रचार कर रहे हैं.
करहल वो सीट है जो तीसरे दौर की सबसे हॉट सीट है. इस सीट पर अखिलेश यादव का मुकाबला बीजेपी के एसपी सिंह बघेल से हैं जो केंद्र में मंत्री रहते हुए इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. और खास बात ये है कि तीसरे दौर के चुनाव में पूरा जोर दोनों गठबंधन का जातीय गुणा गणित को दुरुस्त करने का है. इसी हिसाब से वोट पड़ते रहे हैं इसलिए टिकट भी इसी हिसाब से बांटे गये हैं. हर पार्टी चुनावी बिसात पर फूंक फूंक कर मोहरे बिठा रही है,लेकिन किसकी शह होगी और किसकी मात ये तो 10 मार्च को नतीजे ही बताएंगे.
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