केंद्र सरकार की सख्ती के बाद नरम पड़ा ट्विटर! मोहन भागवत समेत कई RSS नेताओं के अकाउंट पर ब्लू टिक बहाल
ट्विटर ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत कई आरएसएस नेताओं के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया था, लेकिन अब मोहन भागवत के अलावा दूसरे तमाम RSS नेताओं के अकाउंट पर ब्लू टिक को बहाल कर दिया गया है.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के बीच तकरार की स्थिति बनी हुई है. हाल ही में ट्विटर ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत कई आरएसएस नेताओं के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया था, लेकिन अब मोहन भागवत के अकाउंट पर ब्लू टिक बहाल कर दिया गया है. साथ ही कई अन्य RSS नेताओं के अकाउंट पर भी ब्लू टिक को बहाल कर दिया गया है.
दरअसल, ट्विटर ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत कई आरएसएस नेताओं के निजी ट्विटर अकाउंट से वेरिफिकेशन वाला ब्लू टिक हटा दिया था. जिसके बाद काफी बवाल भी मचा. केंद्र सरकार ने भी ट्विटर के इस कदम पर सवाल उठाए हैं. केंद्र सरकार की ओर से ट्विटर को एक आखिरी नोटिस भी भेजा गया है.
Twitter restores the blue verification badge of RSS Chief Mohan Bhagwat and other RSS key functionaries including Krishna Gopal pic.twitter.com/knCcr70G5z
— ANI (@ANI) June 5, 2021
हालांकि केंद्र की सख्ती के बाद ट्विटर को अपने कदम पीछे लेने पड़े हैं. ट्विटर ने कुछ वक्त पहले ही उपराष्ट्रपति के अकाउंट पर ब्लू टिक बहाल कर दिया था. वहीं अब मोहन भागवत समेत कई आरएसएस नेताओं के अकाउंट पर ब्लू टिक वापस आ गया है. इन आरएसएस नेताओं में कृष्णा गोपाल भी शामिल है.
वहीं उपराष्ट्रपति के अकाउंट का ब्लू टिक हटाने के कदम को सरकार ने संवैधानिक अनादर माना हैं. सरकार का कहना है कि उपराष्ट्रपति का संवैधानिक पद है और वो किसी दल या पार्टी का नहीं होता है. सरकार के सूत्रों का मानना है कि ट्विटर एक खास विचारधारा का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए एक खास विचारधारा से जुड़े अकाउंट को टारगेट करता रहता है. नए नियमों का पालन करने से ट्विटर के मनमाने बर्ताव पर लगाम लग सकेगी और आम यूजर के प्रति उत्तरदायी बन सकेगा.
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Source: IOCL






















