Kashmir Valley: कश्मीर की सुंदर वादियों का लुत्फ उठा रहे हैं सैलानी, सर्दियों के साथ ही बढ़ी खूबसूरती
कश्मीर अपनी सुन्दरता और बदलते मौसम के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है .यही कारण है कि देश विदेश से पर्यटक कश्मीर घूमने आते हैं और यहाँ के सुंदर नज़ारे देश विदेश से आए पर्यटकों को लुभाते हैं
Jammu Kashmir Nature : कश्मीर में आज कल मौसम एक अलग ही अंदाज़ में देश भर से आए पर्यटकों को लुभा रहा है. चारों ओर लाल रंग के चिनार के पत्ते एक अलग ही फिज़ा का एहसास दिला रहे हैं. पतझड़ का यह मौसम न सिर्फ कश्मीर की सुन्दरता में रंग बिखेर रहा है बल्कि कश्मीर घूमने आए पर्यटकों का मन भी मोह ले रहा है. कश्मीर अपनी सुन्दरता और बदलते मौसम के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है और हर मौसम में इसका एक अलग ही मज़ा है. यही कारण है कि देश विदेश से पर्यटक कश्मीर घूमने आते हैं और यहां के सुंदर नज़ारे देश विदेश से आए पर्यटकों को लुभाते हैं ... और अगर आजकल की बात करें चारों और एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है .
चारों और चिनार के पेड़ों के पत्ते ज़मीन पर बिखरे हुए नज़र आ रहे हैं और ऐसा लगता है मानो लाल कालीन बिछी हो और इन नज़ारों को देख यहां आए पर्यटक काफी उत्साहित नज़र आते हैं और इन पत्तों में एक अद्भुत आनंद का एहसास उठाते हैं. कश्मीर के विश्व प्रसिद्ध निशात और शालीमार बागों में चारों ओर चिनार के इन लाल पत्तों को देख पर्यटकों को एक अलग ही एहसास हो रहा है और यह कहने पर मजबूर होते हैं कि अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो वो कश्मीर ही है.
कश्मीर घूमने आए पर्यटकों ने क्या कहा
हिमाचल से कश्मीर घूमने आए अमित कुमार के अनुसार यह दृश्य उन्होंने केवल फिल्मों में देखे थे और आज वह खुद अपनी आंखों से चिनार के रंग बदलते पत्ते को देखे रहे हैं. "यह दृश्य इतने ज्यादा हैं कि कैमरे में कैद करने के बाद भी बाकी सब सिर्फ आंखों में कैद कर सकते हैं". चिनार के यह पत्ते अक्टूबर के महीने से ही लाल होना शुरू होते हैं और जैसे ही ये लाल पत्ते ज़मीन पर गिरना शुरू हो जाते हैं कश्मीर में ठंड का आगमन भी शुरू हो जाता है लेकिन इस मौसम में चिनार के लाल पत्ते न सिर्फ यहां आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद बन जाते हैं बल्कि कश्मीर में इसके साथ ही लोग ठण्ड से बचने की तैयारियों में जुट जाते हैं." बाग़ में काम करने वाले कर्मचारी अहमद ने बताया कि अगले कुछ दिनों में जब यह सारे पत्ते गिर जाएंगे तो वे इनको जलाकर कोयला बना लेंगे जो सर्दियों में कश्मीर में कांगड़ी में काम आते है. गर्मियों में ये ही पत्ते ठंडा रखते हैं और अब गर्मी ख़त्म होने के बाद भी ये सर्दी से बचाएंगें.
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