आज का इतिहास: भारत रत्न पुरस्कार की स्थापना का दिन
पहला भारत रत्न सम्मान चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को प्रदान किया गया. शुरू में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का चलन नहीं था, लेकिन एक साल बाद इस प्रावधान को जोड़ा गया. इसी तरह खेलों के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वालों को भारत रत्न से सम्मानित करने का प्रावधान भी बाद में शामिल किया गया.

कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में असाधारण और उल्लेखनीय राष्ट्र सेवा करने वालों को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान दिया जाता है. इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा की गई थी. पहला भारत रत्न सम्मान चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को प्रदान किया गया. शुरू में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का चलन नहीं था, लेकिन एक साल बाद इस प्रावधान को जोड़ा गया. इसी तरह खेलों के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वालों को भारत रत्न से सम्मानित करने का प्रावधान भी बाद में शामिल किया गया.
देश दुनिया के इतिहास में 2 जनवरी की तारीख में दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1971: स्कॉटलैंड के ग्लासगो में एक फुटबॉल मैच के बाद भगदड़ मचने से 66 फुटबाल प्रेमियों की मौत हो गई. 1978: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कांग्रेस (आई) के नाम से नई पार्टी का गठन किया और खुद को उसका अध्यक्ष घोषित किया. 1980: ब्रिटेन के सरकारी उपक्रम ब्रिटिश स्टील कॉर्पोरेशन में काम करने वाले एक लाख कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि की मांग को लेकर 50 साल में पहली बार राष्ट्रीय हड़ताल कर दी. 1994: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच 36 घंटे तक चले संघर्ष में 600 से ज्यादा लोग हताहत. 2001: कुमोय द्वीप और मात्सु द्वीप से एक पर्यटक नौका पहली बार कानूनी तौर पर ताइवान क्षेत्र से चीन की मुख्य भूमि तक पहुंचीं. 2004: नासा के अंतरिक्ष यान स्टारडस्ट ने धूमकेतु वाइल्ड 2 से धूल के कण एकत्र किए, जिनकी जांच से उनमें अमीनो एसिड ग्लायसिन होने का पता चला. 2004: पाकिस्तान के इस्लामाबाद में चल रहे सम्मेलन के दौरान क्षेत्रीय सहयोग के लिए दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन के सात देश मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने के प्रस्ताव पर सहमत. 2016: सऊदी अरब के जाने माने शिया मौलवी निम्र अल निम्र और उनके 46 साथियों को सरकार ने फाँसी की सजा दी. मौलवी ने 2011 के सरकार विरोधी प्रदर्शनों का खुले आम समर्थन किया था.ये भी देखें
सनसनी: गोली,गुंडागर्दी के बीच हैप्पी न्यू ईयर !
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