'आधार' बना ऑक्सफोर्ड का वर्ड ऑफ द ईयर, 'मित्रों' और 'नोटबंदी' को पछाड़ा
आप ने पिछले साल यानी 2017 में इस शब्द के बारे में तो काफी सुना होगा क्योंकि इस शब्द को आधार कार्ड के रुप में हर जगह पर जरुरी कर दिया गया था.

नई दिल्ली: ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने 'आधार' साल 2017 का वर्ड ऑफ द ईयर चुना है. इस शब्द को पिछले साल आधार कार्ड के खबरों में आने के चलते लोकप्रियता मिली. इस साल भी इस शब्द का इस्तेमाल कर नहीं हुआ है. आधार को वर्ड ऑफ द ईयर चुने जाने की घोषणा जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में ''ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी" के सेशन के दौरान हुई.
चर्चा के दौरान वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ ने कहा, ''मीडिया का काम ना कि साहित्य लिखने के बजाए दर्शकों/पाठकों को आसान भाषा में खबर देना है.'' विनोद दुआ मीडिया की भाषा पर अपनी बात रख रहे थे.
लेखक पंकज दुबे ने कहा, 'स्लीपावस्था' (state of sleeping), 'मौकातारियां' (opportunist) इन्हें भी शामिल किया जाना चाहिए. चित्रा मुदगुल ने इस सुझाव पर आपत्ति जताया और इसके बजाय शब्दों के सही इस्तेमाल के लिए वकालत करनी चाहिए.पत्रकार सौरभ द्विवेदी ने कहा, 'मित्रों', 'नोटबंदी', 'गौरक्षकों' जैसे शब्दों को ऑक्सफोर्ड की डिक्शनरी में शामिल करने के लिए बातचीत कहा जा रहा था. लेकिन सब में से आधार शब्द को ज्यादा महत्व मिला और आखिरकार इस शब्द को शामिल कर लिया गया.
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