'हिंदी बोलने वाले यहां पानीपुरी बेचते हैं', तमिलनाडु के मंत्री पोनमुड़ी के विवादित बोल
Ponmudy On Language: तमिलनाडु के उच्च शिक्षामंक्षी के. पोनमुड़ी ने एक कार्यक्रम में विवादित बयान देते हुए कहा कि हिंदी भाषा बोलने वाले लोग या तो दोयम दर्जे की नौकरी करते हैं या फिर पानीपुरी बेचते हैं.
Controversial Statement: देश में हिंदी भाषा पर विवाद गहराता ही जा रहा है. इस मामले को लेकर अभी तक अलग-अलग तरह की बयानबाजी हुई लेकिन तनिलनाडु के उच्च शिक्षामंत्री के पोनमुड़ी ने तो हद कर दी. उन्होंने हिंदी भाषा पर विवादित बयान देते हुए कहा कि हिंदी बोलने वाले लोग या तो दोयम दर्जे की नौकरी करते हैं या फिर पानीपुरी बेचते हैं.
दरअसल पोनमुड़ी कोयंबटूर में भरतियार यूनिवर्सिटी के कनवोकेशन को संबोधित कर रहे थे जब उन्होंने ये विवादित बयान दिया. लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर इसी बात पर बहस है कि हिंदी भाषा सीखने से ज्यादा रोजगार मिलता है तो यहां हिंदी भाषी पानी पुरी क्यों बेच रहे हैं.
"...If the argument that learning Hindi could open more employment opportunities was true then why are those speaking the language selling 'Paani Puri' here?...", said Tamil Nadu's Higher Education Minister Dr K Ponmudy at Bharathiar University convocation pic.twitter.com/eOwEotVQOL
— ANI (@ANI) May 13, 2022
हिंदी से ज्यादा अंग्रेजी महत्वपूर्ण
पोनमुड़ी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भाषा के तौर पर हिंदी से ज्यादा अंग्रेजी महत्वपूर्ण है. उन्होंने लोगों के सामने दावा किया कि हिंदी बोलने वाले लोग दोयम दर्जे की नौकरी करते हैं. तमिलनाडु के उच्च शिक्षामंत्री ने कहा कि तमिल छात्र भाषाओं को अगर सीखना चाहते हैं तो हिंदी उनके लिए वैकल्पिक विषय होना चाहिए नाकि अनिवार्य विषय. उन्होंने बताया कि तमिलनाडु की सरकार दो भाषा प्रणाली को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और नेशनल एजूकेशन पॉलिसी 2020 की अच्छी बातों को लागू भी किया जाएगा.
शिक्षा प्रणाली में तमिलनाडु सबसे आगे
यनिवर्सिटी के कनवोकेशन मंच पर तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि भी मौजूद थे. के. पोनमुड़ी ने प्रश्न करते हुए कहा जब एक इंटरनेशनल भाषा अंग्रेजी सिखाई जा रही है तो ऐसे में कोई हिंदी क्यों सीखना चाहेगा. उन्होंने ये भी दावा किया कि तमिलनाडु राज्य शिक्षा प्रणाली में सबसे आगे है. तमिल छात्र कोई भी भाषा सीखने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हिंदी से कहीं ज्यादा मूल्यवान भाषा अंग्रेजी है. अंग्रेजी अब एक अंतरराष्ट्रीय भाषा बन चुकी है.
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