Jallikattu 2023: तमिलनाडु के मदुरै में शुरू हुआ जल्लीकट्टू खेल, बैलों को काबू करने उतरे खिलाड़ी
Jallikattu: मदुरै के जिला कलेक्टर ने बताया कि जल्लीकट्टू के दौरान सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया गया है. इस बार मदुरै में तीन जगहों पर ये पारंपरिक खेल खेला जाना है.
Jallikattu begins in Tamil Nadu: तमिलनाडु स्थित मदुरै के अवनियापुरम गांव में रविवार (15 जनवरी) से जल्लीकट्टू 2023 का आयोजन शुरू हो गया है. मदुरै के तीन गांवों में इसका आयोजन किया जाना है. 16 जनवरी को पलमेडु और 17 जनवरी को अलंगनाल्लुर में जल्लीकट्टू खेला जाएगा.
इससे पहले 7 जनवरी को मदुरै जिला प्रशासन ने इसी महीने होने वाले 'जल्लीकट्टू' के लिए गाइडलाइंस जारी की थी. रविवार सुबह ही अवानियापुरम में बैलों के साथ खेले जाने वाले इस खेल को शुरू कर दिया गया.
#WATCH | Tamil Nadu: Jallikattu begins in Avaniyapuram of Madurai. pic.twitter.com/ESqsaokmo4
— ANI (@ANI) January 15, 2023
सुरक्षा के पूरे इंतजाम
मदुरै के जिला कलेक्टर अनीश शेखर ने बताया, "अवनियापुरम में हमने जल्लीकट्टू के सुचारू संचालन के लिए सभी प्रबंध किए हैं. खिलाड़ियों के साथ ही सांडों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई है. दर्शक भी सुरक्षित रहें, इसलिए जहां बैलों के साथ खेल खेला जाता है वहां 3 स्तर की बैरिकेंडिंग लगाई गई है."
जिला कलेक्टर ने आगे बताया, "हम SC के साथ-साथ तमिलनाडु सरकार के सभी नियमों का पालन करेंगे. अवनियापुरम में हाईकोर्ट का निर्देश है. केवल 25 खिलाड़ी ही (एक समय में) खेलेंगे. हम 300 से लेकर 800 से अधिक खिलाड़ियों (पूरे आयोजन में) के भाग लेने की उम्मीद कर रहे हैं."
क्या है जल्लीकट्टू?
पोंगल के त्योहार के दौरान, विशेष रूप से तमिलनाडु में, मवेशियों की पूजा की जाती है, जिसमें जल्लीकट्टू के नाम से एक आयोजन किया जाता है. जल्लीकट्टू के खेल में एक सांड को भीड़ के बीच छोड़ दिया जाता है. इस खेल में वहां मौजूद खिलाड़ी अधिक से अधिक समय तक सांड के कूबड़ को पकड़कर उसे काबू में करने की कोशिश करते हैं.
कोविड-19 को लेकर अतिरिक्त सतर्कता
इसके पहले जिला प्रशासन ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए दिशा निर्देश जारी किए थे. गाइडलाइन के अनुसार, सांडों को काबू करने वालों को दो डोज वाले कोरोना टीकाकरण प्रमाण पत्रों के साथ अपनी फोटो जिले की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी. जल्लीकट्टू आयोजन से दो दिन पहले कोविड निगेटिव प्रमाणपत्र पेश करना होगा.
इसके साथ ही जल्लीकट्टू बैल लाने वालों को आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण कराने के लिए कहा गया है. बैल के साथ मालिक और सहायक को लेकर दो व्यक्ति जा सकते हैं. उन्हें भी डबल डोज प्रमाणपत्र और कोविड निगेटिव सर्टिफिकेट लाने को कहा गया है.
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Source: IOCL























