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Taliban on Kashmir: तालिबान का कश्मीर को लेकर पहला रिएक्शन, जानिए क्या बात कही है
अंदेशा जताया गया है कि तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे विभिन्न आतंकवादी समूहों की गतिविधियां बढ़ सकती हैं.
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Taliban on Kashmir: अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने कश्मीर को लेकर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. साथ ही तालिबान ने भारत और पाकिस्तान के मौजूदा रिश्तों पर भी बात की है. तालिबान के कब्जे के बाद अंदेशा जताया गया है कि तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे विभिन्न आतंकवादी समूहों की गतिविधियां बढ़ सकती हैं.
भारत-पाकिस्तान के हित एक दूसरे से जुड़े- तालिबान
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने पाकिस्तानी चैनल ARY न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और अन्य मुद्दों पर बोलते हुए कहा, ‘’दोनों देशों को एक साथ बैठना चाहिए और मामलों को हल करना चाहिए, क्योंकि दोनों पड़ोसी हैं और उनके हित एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं.’’
वहीं, जबीहुल्लाह मुजाहिद ने भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद पर भी बात की. उन्होंने कहा कि भारत को घाटी के प्रति ‘सकारात्मक दृष्टिकोण’ अपनाना चाहिए.
तालिबान ने काबुल हमले की निंदा की
वहीं, तालिबान ने काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए हमले की निंदा की और कहा कि यह उस इलाके में हुआ जो अमेरिकी सेनाओं के नियंत्रण में है. जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि उनका संगठन हमले की कड़ी निंदा करता है और सुरक्षा पर पूरा ध्यान दे रहा है. माना जा रहा है कि यह हमला अफगानिस्तान से सम्बद्ध इस्लामिक स्टेट समूह के गुट ने किया है जो तालिबान से अलग है और उससे भी अधिक चरमपंथी है.
चीन, तालिबान के बीच काबुल में हुई पहली वार्ता
इस बीच चीन के एक अधिकारी ने कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद बीजिंग ने उसके साथ पहला कूटनीतिक संपर्क स्थापित किया है और दोनों पक्षों के बीच अब “सुगम एवं प्रभावी संवाद” है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, “हम हमेशा अफगानिस्तान की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं और अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देने के सिद्धांत का पालन करते हैं और सभी अफगान लोगों के प्रति मैत्रीपूर्ण नीति रखते हैं.”
उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान के साथ मित्रता और सहयोग के अच्छे पड़ोसी के रिश्तों को विकसित करने तथा देश में शांति-पुनर्निर्माण में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए चीन तैयार है.”
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