बैंक धोखाधड़ी: सुप्रीम कोर्ट ने एमटेक समूह के पूर्व अध्यक्ष को अंतरिम जमानत देने से किया इनकार
अरविंद धाम की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनके मुवक्किल 11 महीने से जेल में हैं और उनकी नियमित जमानत याचिका फरवरी 2025 से दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है.

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (16 जून, 2025) को 2,700 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी से जुड़े कथित धन शोधन मामले में एमटेक समूह के पूर्व अध्यक्ष अरविंद धाम को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया.
जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने कहा कि तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने सात अप्रैल को धाम को जमानत देने से इनकार कर दिया था और उन्हें जेल में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था.
अरविंद धाम की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनके मुवक्किल 11 महीने से जेल में हैं और उनकी नियमित जमानत याचिका फरवरी 2025 से दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है.
पीठ ने कहा, 'हम याचिकाकर्ता के हथकंडे से बिल्कुल भी प्रभावित नहीं हैं. आपकी एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) को इस अदालत की तीन जजों की पीठ ने खारिज कर दिया था. अब आप छुट्टियों के दौरान उसी मामले में दोबारा राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे पहले ही खारिज किया जा चुका है.'
इसके बाद रोहतगी ने याचिका वापस ले ली. हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2,700 करोड़ रुपये के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में धन शोधन रोधी कानून के तहत दिवालिया ऑटोमोटिव उपकरण निर्माण कंपनी एमटेक समूह की 550 करोड़ रुपये से अधिक की नयी संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क की हैं.
ईडी ने एक बयान में कहा कि एमटेक ऑटो लिमिटेड, एआरजी लिमिटेड, एसीआईएल लिमिटेड, मेटालिस्ट फोर्जिंग लिमिटेड, कास्टेक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और एमटेक समूह के प्रवर्तक अरविंद धाम के अलावा कुछ अन्य के खिलाफ कार्रवाई की गई. पिछले साल सितंबर में इस मामले में एजेंसी ने 5,115.31 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की थीं.
ईडी ने 27 फरवरी, 2024 को उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अपनी जांच शुरू की. ईडी ने पिछले साल जुलाई में धाम को गिरफ्तार किया और बाद में सितंबर में उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया.
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