'बदमाशों की तरह काम नहीं कर सकती ED, हमें चिंता है...', एजेंसी की शक्तियों को लेकर उठे सवाल तो बोला सुप्रीम कोर्ट
ईडी की तरफ से एएसजी एसवी राजू ने कहा कि पीएमएलए मामलों में दोषसिद्धी दर कम इसलिए है क्योंकि अमीर और ताकतवर लोग अच्छे वकील करते हैं, कई याचिकाएं दाखिल करते हैं और ट्रायल नहीं चलने देते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (7 अगस्त, 2025) को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) किसी बदमाश की तरह काम नहीं कर सकता है, उसको कानून के दायरे में रहकर काम करना होगा. कोर्ट ने ईडी की छवि को लेकर चिंता जताई और कहा कि कानून लागू करने वाले और कानून का उल्लंघन करने वाले निकायों में अंतर होता है.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भुईयां और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच जुलाई, 2022 के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. इस फैसले में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के तहत ईडी की व्यापक शक्तियों की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा गया था.
बेंच ने ईडी की छवि को लेकर चिंता जताते हुए कहा, 'हमने क्या देखा कि, जो संसद में एक मंत्री के बयान से भी सच साबित हो गया कि पांच हजार मामलों में से 10 से भी कम केस में दोषसिद्धि हुई.' हालांकि, इस दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने ईडी का बचाव किया और कोर्ट को बताया कि ये अंतर क्यों है. उन्होंने कहा कि पीएमएलए मामलों में दोषसिद्धी दर कम इसलिए है क्योंकि अमीर और ताकतवर लोग अच्छे वकीलों को हायर करते हैं और कई याचिकाएं दाखिल करते हैं. वे ट्रायल कोर्ट में मुकदमा भी नहीं चलने देते और उनमें देरी करते हैं.
एएसजी राजू ने सुप्रीम कोर्ट से समीक्षा याचिकाओं पर विचार नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा कि अगर इन्हें अनुमति दी जाती है तो उस मामले के आदेश को फिर से लिखना होगा, जिसको इन्होंने चुनौती दी है और इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि समीक्षा याचिकाकर्ताओं ने 2022 के फैसले की समीक्षा को आधार नहीं बनाया है.
एएसजी राजू ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने एक चांस लिया, लेकिन वे फेल हो गए और अब वे यह कह रहे हैं कि फैसला गलत था और उसकी समीक्षा की जानी चाहिए. एएसजी राजू ने कहा कि इस तरह समीक्षा नहीं की जा सकती है, पहले उन्हें यह साबित करना होगा कि इन दो मुद्दों को लेकर रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से त्रुटि है. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं को समीक्षा के लिए मजबूत आधार बनाना होगा.
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