3.5 लाख करोड़ रुपये... बंद पड़े खातों का पैसा मालिकों तक पहुंचाने के लिए पोर्टल की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस
वकील ने कहा कि वह पहले हाईकोर्ट गए थे, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन इसे अधिकारियों को देखना है और इसमें किसी भी प्रकार का न्यायिक हस्तक्षेप उचित नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (6 अक्टूबर, 2025) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और अन्य से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें विभिन्न संस्थाओं में मौजूद सभी वित्तीय परिसंपत्तियों की एक व्यापक सूची तक पहुंच के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल स्थापित करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, भले ही वे सक्रिय हों या निष्क्रिय.
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की और आरबीआई, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), केंद्र और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए चार हफ्ते बाद की तारीख तय की.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने अदालत को अवगत कराया कि यह मामला छोटे निवेशकों या जमाकर्ताओं से संबंधित है. वकील ने कहा, 'आज की तारीख में यह राशि 3.5 लाख करोड़ रुपये है.' उन्होंने यह भी कहा कि यह राशि सही निवेशकों को वापस नहीं दी गई है.
वकील ने पीठ को बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर पहले एक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 'हाईकोर्ट ने कहा कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन इसे अधिकारियों को देखना है और इसमें किसी भी प्रकार का न्यायिक हस्तक्षेप उचित नहीं है.'
बेंच आकाश गोयल की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस याचिका में संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वे अपनी विनियमित संस्थाओं को प्रत्येक वित्तीय परिसंपत्ति के लिए नामित व्यक्ति के बारे में न्यूनतम विवरण दर्ज करने के वास्ते नियम अनिवार्य करने हेतु दिशानिर्देश जारी करें.
इस याचिका में गृह मंत्रालय और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के समन्वय से एक निर्बाध प्रणाली स्थापित करने या उसे सुगम बनाने के निर्देश का भी अनुरोध किया गया है, ताकि विनियमित संस्थाएं खाताधारक या परिसंपत्ति धारक की मृत्यु के बारे में जान सकें और उन मामलों में परिवार के सदस्यों की पहचान करने के बाद उन्हें उचित रूप से सूचित कर सकें, जहां वित्तीय परिसंपत्तियों में नामित व्यक्ति का अभाव है.
इस याचिका में संबंधित अधिकारियों को एक केंद्रीकृत पोर्टल स्थापित करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, जिससे व्यक्ति ई-केवाईसी की आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद, संबंधित नियामक/संस्था द्वारा विनियमित संस्थाओं में रखी गई सभी वित्तीय परिसंपत्तियों की एक व्यापक सूची तक पहुंच सकें.
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