सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाला मामले में भूपेश बघेल के बेटे की याचिका पर सुनवाई जनवरी तक के लिए स्थगित की
चैतन्य बघेल ने अपनी गिरफ्तारी बरकरार रखे जाने के छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 17 अक्टूबर के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे की शराब घोटाले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई गुरुवार (18 दिसंबर, 2025) को जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी और कहा कि मामले को टुकड़ों में नहीं सुना जा सकता.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 18 जुलाई को गिरफ्तार किए गए चैतन्य बघेल ने धन शोधन निवारण अधिनियम के कुछ प्रावधानों को भी चुनौती दी है. सुनवाई शुरू होते ही उनके वकील कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच के समक्ष कहा कि एजेंसी किसी को गिरफ्तार करने में लगी रहती है और जांच जारी रखती है.
उन्होंने कहा, 'ऐसा नहीं चल सकता... एक बार उसे रिहा कर दिया जाता है और दूसरा वारंट जारी किया जाता है... वे किसी को गिरफ्तार करते हैं और जांच जारी रखते हैं. कोई भी कठोर कदम नहीं उठाया जाना चाहिए.' ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने पीठ को सूचित किया कि चैतन्य बघेल की जमानत पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई की थी और फैसला सुरक्षित रखा गया है.
उन्होंने कहा, 'जब वह (बघेल) हिरासत में हैं तो क्या दंडात्मक कदम उठाया जाएगा? वह एक अन्य मामले में अग्रिम जमानत मांग रहे हैं.' केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और ईडी सहित जांच एजेंसियां, महादेव सट्टेबाजी ऐप और चावल मिल तथा कथित कोयला, शराब और डीएमएफ घोटालों से संबंधित कई मामलों की जांच कर रही हैं, जो कथित तौर पर मुख्यमंत्री के रूप में भूपेश बघेल के कार्यकाल के दौरान हुए थे.
चैतन्य बघेल ने अपनी गिरफ्तारी बरकरार रखे जाने के छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 17 अक्टूबर के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंने धन शोधन रोधी कानून की धारा 50 और अन्य प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए एक अलग याचिका भी दायर की है.
चार अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामलों में राहत पाने के लिए बड़े लोगों के सीधे उसके पास आने की प्रथा की निंदा की थी और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा उनके बेटे को केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच से संबंधित मामलों में उच्च न्यायालय जाने के लिए कहा था.
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