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Suicide Cases: ‘राष्ट्रीय पुरुष आयोग बनाएं', शादी के बाद सुसाइड केस का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
Supreme Court: याचिका में NCRB के डेटा के हवाले से कहा गया कि वर्ष 2021 में 81,063 शादीशुदा मर्दों ने, जबकि 28,680 विवाहित महिलाओं ने आत्महत्या की है.
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National Commission For Men: सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें पुरुषों के लिए राष्ट्रीय आयोग की मांग की गई है. याचिका में कहा गया कि शादीशुदा मर्दो में आत्महत्या करने के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. याचिका में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का आंकड़ा दिया गया है. इससे निपटने के लिए गाइडलाइंस जारी करने और राष्ट्रीय पुरुष आयोग बनाने की मांग की गई है.
अधिवक्ता महेश कुमार तिवारी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की गई है. याचिका में अपील की गई है कि घरेलू हिंसा के शिकार विवाहित पुरुषों के लिए राष्ट्रीय पुरुष आयोग बनाया जाए. याचिका में एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया, वर्ष 2021 में दावा किया गया कि उस वर्ष पूरे देश में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की. याचिका में कहा गया है कि इनमें से आत्महत्या करने वाले विवाहित पुरुषों की संख्या 81,063 थी जबकि 28,680 विवाहित महिलाएं थीं.
पुरुषों के लिए आयोग बनाने की मांग
याचिका में एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया, "वर्ष 2021 में पारिवारिक समस्याओं के कारण तकरीबन 33.2 फीसदी पुरुषों ने और 4.8 प्रतिशत पुरुषों ने विवाह संबंधी वजहों से अपना जीवन समाप्त कर लिया था." याचिका में विवाहित पुरुषों द्वारा आत्महत्या के मुद्दे से निपटने और घरेलू हिंसा से पीड़ित पुरुषों की शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.
गृह मंत्रालय से की गई यह अपील
याचिका में केंद्र को गृह मंत्रालय के जरिए पुलिस विभाग को यह निर्देश देने का अनुरोध भी किया गया है कि घरेलू हिंसा के शिकार पुरुषों की शिकायतें तत्काल स्वीकार की जाएं. याचिका में मांग की गई कि घरेलू हिंसा या पारिवारिक समस्या और विवाह संबंधी मुद्दों से पीड़ित विवाहित पुरुषों की आत्महत्या के मुद्दे पर अनुसंधान करने के लिए भारत के विधि आयोग को एक निर्देश/सिफारिश जारी करें और राष्ट्रीय जैसे मंच का गठन करने के लिए आवश्यक रिपोर्ट तैयार करें.
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