तेलंगाना के वेमुलवाड़ा में निर्माणाधीन आवासों का निरीक्षण कर रहे थे कलेक्टर-विधायक, अचानक छत का स्लैब गिरा, देखें वीडियो
तेलंगाना के राजन्ना सिरसिला जिला के वेमुलवाड़ा में बड़ा हादसे होने से टल गया. इसमें स्थानीय विधायक और कलेक्टर बाल-बाल बच गए. घटना शुक्रवार को निर्माणधीन सरकारी आवासों के निरीक्षण के दौरान हुई.

तेलंगाना के राजन्ना सिरसिला जिला वेमुलवाड़ा में एक बड़ा हादसा टल गया, जिसमें स्थानीय विधायक आदि श्रीनिवास और जिला कलेक्टर गरिमा अग्रवाल बाल-बाल बच गए. यह घटना तब घटी जब वे शुक्रवार को वेमुलवाड़ा नगरपालिका परिधि के अंतर्गत निर्माणाधीन सरकारी आवासों का निरीक्षण कर रहे थे. एक निर्माणाधीन घर की छत का लिंटेल स्लैब अचानक गिर गया, लेकिन त्वरित संज्ञान और संतुलन बनाए रखने के कारण दोनों अधिकारी सुरक्षित बच निकले.
इस घटना से मौके पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया. यह हादसा सरकारी निर्माण कार्यों में घोर लापरवाही और गुणवत्ता में कमी को उजागर करता है.
Poor quality construction is the true reflection of how BRS govt functioned - says Govt whip Aadi Srinivas after mishap as flooring caves in during 2BHK site inspection at Vemulawada pic.twitter.com/bCsu5t3y9B
— Naveena (@TheNaveena) November 25, 2025
निर्माण कार्य तुरंत रोकने के निर्देश
यह निरीक्षण दोगुने बेडरूम आवास योजना के तहत बन रहे मकानों की प्रगति और गुणवत्ता का जायजा लेने के लिए किया जा रहा था. विधायक आदि श्रीनिवास ने घटना के तुरंत बाद ठेकेदार और संबंधित अभियंताओं की जमकर क्लास लगाई और घटिया सामग्री के उपयोग पर गंभीर चिंता व्यक्त की.
उन्होंने मौके पर ही निर्माण कार्य को रोकने के निर्देश दिए और कहा कि जनता के पैसे से बनने वाले घरों के साथ कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विधायक की इस प्रतिक्रिया ने निर्माण एजेंसियों के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया. इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबों को गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध कराना है, लेकिन यह घटना उस उद्देश्य पर गंभीर सवाल खड़े करती है.
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
जिला कलेक्टर गरिमा अग्रवाल ने तुरंत इस मामले को संज्ञान में लेते हुए एक उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. जांच टीम को यह पता लगाने को कहा गया है कि आखिर क्या कारण रहा कि निर्माण के इस प्रारंभिक चरण में ही स्लैब धंस गया.
कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए जाने वाले ठेकेदार, इंजीनियर और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. इस घटना ने पूरे जिले में चल रहे अन्य सरकारी निर्माण कार्यों की निगरानी व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं. प्रशासन की अब प्राथमिकता भविष्य के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और एक विस्तृत रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपना है.
कलेक्टर गरिमा अग्रवाल ने तुरंत उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए. जांच निर्माण विफलता के कारणों पर ध्यान केंद्रित करेगी, दोषी ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया गया.
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Source: IOCL























