शरद पवार ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख को लिखा खत, पुलिसकर्मियों की समस्याओं के समाधान की मांग की
एनसीपी चीफ शरद पवार ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख को चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने पुलिस बंदोबस्त के दौरान पुलिसकर्मियों को होने वाली समस्याओं का समाधान करने की मांग की है.

मुंबई: पुलिस कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिये शरद पवार ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में उन्होंने मांग की है कि नेताओं की सभा या वीआईपी मूवमेंट के दौरान विशेष जरूरत ना होने पर पुलिस वालों को बैठने की इजाजत दी जानी चाहिए.
शरद पवार ने पुलिस कर्मचारियों की दिक्कत को समझते हुए निजी तौर पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख को खत लिखा है. जिसमें पुलिस कर्मचारियों के दिक्कतों की ओर ध्यान दिलाते हुए गृहमंत्री से कई मांगें की हैं. चिट्ठी में उन्होंने लिखा, "राज्य मंत्री और वीआईपी लोगों के महत्वपूर्ण दौरे के दौरान भीड़ के नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बंदोबस्त किया जाता है. जहां पर मंत्रियों या वीआईपी लोगों के आने जाने पर पुलिस प्रशासन पर विशेष तनाव रहता है. सिर्फ इसके लिए पुलिस कर्मचारियों को घंटो खड़े रहना पड़ता है. सिर्फ पुलिस कर्मचारी ही नहीं पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधिकारी भी खड़े रहते हैं."
चिट्ठी में पवार ने आगे लिखा, "बदोंबस्त के दौरान पुलिस कर्मचारी, अधिकारी सभा के समय अलर्ट रहते हैं रहना चाहिए, लेकिन इस दौरान महिला पुलिस कर्मचारियों को बेवजह इसके लिए परेशानी झेलनी पड़ती है ऐसा मुझे लगता है. बड़े अधिकारियों को भी इतने घंटे तक वहां खड़े रहने की जरूरत उचित नहीं लगती. मुझे लगता है यदि सभा शांति पूर्वक चल रही है तो महिला पुलिस कर्मचारियों, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और पुलिस के अन्य कर्मचारियों को आवश्यकता के अनुसार उन्हें बैठने की व्यवस्था की जानी चाहिए, या फिर जो कार्यक्रम का संयोजक है उसे इसकी व्यवस्था करने के लिए कहना चाहिए."
शराद पवार ने लिखा, "साथ ही गृह मंत्रालय को भी ऐसी स्थिति में पुलिसकर्मियों के बैठने की अनुमति जारी करनी चाहिए. मंत्री और वीआईपी लोगों के दौरे के दौरान रोड बंदोस्त के लिए पुलिस सड़कों के दोनो तरफ तैनात रहती है, लेकिन दौरे में विलंब होने की स्थिति में भी पुलिस कर्मचारियों पर दबाव असहनीय हो जाता है . ऐसी स्थिति में रोड बंदोबस्त के दौरान वायरलेस या अन्य माध्यम से ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारियों को समय समय पर संदेश देते रहना चाहिए. ऐसा मुझे लगता है. राज्य के गृहमंत्री के तौर पर आप इस मुद्दे पर व्यक्तिगत तौर पर ध्यान दें."
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