दक्षिण भारतीय फूड चेन 'सरवण भवन' के मालिक को उम्रकैद, SC ने 7 जुलाई तक सरेंडर करने को कहा
ज्योतिषी की सलाह पर अपने से काफी कम उम्र की लड़की को तीसरी पत्नी बनाने की कोशिश कर रहे प्रसिद्ध रेस्टोरेंट चेन 'सरवण भवन' के मालिक पी राजगोपाल ने नाकाम रहने पर लड़की के पति की हत्या करवा दी थी.

नई दिल्ली: दक्षिण भारतीय खाने के प्रसिद्ध रेस्टोरेंट चेन 'सरवण भवन' के मालिक पी राजगोपाल को सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सज़ा दी है. रेस्टोरेंट की स्थापना करने और उसे भारत ही नहीं, दुनिया के कई शहरों में फैलाने वाले राजगोपाल को हत्या का दोषी पाया गया है. ज्योतिषी की सलाह पर अपने से काफी कम उम्र की लड़की को तीसरी पत्नी बनाने की कोशिश कर रहे राजगोपाल ने नाकाम रहने पर लड़की के पति की हत्या करवा दी थी.
लड़की के पीछे पड़ा राजगोपाल
1990 में करीब 44 साल के राजगोपाल को एक ज्योतिषी ने सलाह दी कि अगर वो अपने कर्मचारी की बेटी जीवाज्योति से शादी करेगा तो उसकी धन-संपत्ति में बहुत इज़ाफ़ा होगा. वो हमेशा संपन्न बना रहेगा. पहले ही 2 शादी कर चुका राजगोपाल इसके बाद 20 साल की जीवाज्योति के पीछे पड़ गया. लड़की को न तो उम्र का अंतर मंज़ूर था, न तीसरी पत्नी बनना. उसने शादी से इनकार कर दिया.
कुछ साल बाद जीवाज्योति ने अपने भाई को गणित पढ़ाने वाले शांताकुमार से शादी कर ली. लेकिन राजगोपाल ने उसका पीछा नहीं छोड़ा. उसके लोगों ने कुछ मौकों पर शांताकुमार को मारने की कोशिश भी की. आखिरकार, 2001 में उसे अगवा कर के कोडाइकनाल ले जाया गया और उसकी हत्या कर दी गई.
हाई कोर्ट ने दी उम्रकैद
2004 में राजगोपाल को निचली अदालत ने 10 साल की सज़ा दी. 2009 में मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि मामला गैरइरादतन हत्या का नहीं है. शांताकुमार की हत्या की गई है. हत्या करने वाले गुंडों के जितनी ही ज़िम्मेदारी राजगोपाल की भी है. इस टिप्पणी के बाद हाई कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सज़ा दी. इसे आज सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा है.
कुल 11 महीने ही जेल में रहा
निचली अदालत से सज़ा मिलने के बाद राजगोपाल को करीब 8 महीने के बाद ज़मानत मिल गई थी. 2009 में हाई कोर्ट से सज़ा मिलने के करीब 3 महीने बाद उसे सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत खराब स्वास्थ्य के आधार पर दी थी. कोर्ट को बताया गया था कि लकवा और दूसरी बीमारियों से पीड़ित दोषी को ज़रूरी कामकाज के लिए भी दूसरे लोगों की मदद की ज़रूरत पड़ती है.
साफ है कि 11 महीना ही जेल में रहे 72 साल के अरबपति कारोबारी को अब लंबा वक्त जेल में बिताना होगा. कोर्ट ने उसे खराब स्वास्थ्य के मद्देनजर समर्पण करने के लिए 7 जुलाई तक का समय दिया है.
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Source: IOCL