कांग्रेस में घमासान: पंजाब में अमरिंदर Vs सिद्धू, राजस्थान में गहलोत Vs पायलट
लोकसभा चुनाव में हार के बाद से कांग्रेस के राज्य नेतृत्व में घमासान जारी है. हरियाणा में गुटबाजी से परेशान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने यहां तक कह दिया कि अगर आप मुझे खत्म करना चाहते हैं तो मुझे गोली मार दीजिए.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में घमासान मचा है. पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू एक दूसरे से नाराज हैं. हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर बैठकों में खुलकर नाराजगी जता रहे हैं. राजस्थान में अशोक गहलोत और और सचिन पायलट में गुटबाजी हो रही है और मध्य प्रदेश में सत्ता में होने के बावजूद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी हार के कारणों को खोज रहे हैं. वहीं तेलंगाना में 12 विधायक कांग्रेस छोड़कर टीआरएस में शामिल हो चुके हैं.
राजस्थान और मध्य प्रदेश में हार से तो शीर्ष नेतृत्व भी खफा है. जहां दिसंबर में बीजेपी को हराकर कांग्रेस की सरकार बनी थी और करीब पांच महीने बाद ही पार्टी को बीजेपी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. मध्य प्रदेश में कांग्रेस मात्र एक सीट जीत सकी जबकि राजस्थान और हरियाणा में खाता भी नहीं खुला.
यही वजह है कि कुछ विधायकों ने खुलेतौर पर और कुछ ने दबी जुबान में अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की है और उनकी जगह युवा नेतृत्व सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है. कांग्रेस विधायक पृथ्वीराज मीणा टोडाभीम ने मीडिया के सामने खुलकर कहा कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए. यह मेरी व्यक्तिगत राय है.’’
इससे पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने एबीपी न्यूज से कहा था कि प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को कम से कम जोधपुर सीट पर पार्टी की हार की जिम्मेदारी तो लेनी ही चाहिए क्योंकि वे वहां शानदार जीत का दावा कर रहे थे. इसके बाद से गहलोत व पायलट के समर्थन में खुलकर अलग अलग बयान आ रहे हैं. इस बीच पार्टी ने मामले में सख्ती दिखाते हुए विधायक मीणा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 23 मई को चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस की बैठक में गहलोत से नाराजगी जताई थी. राहुल ने कहा था कि उन्होंने बेटे को टिकट दिलवाए और वहीं प्रचार में व्यस्त रहे. जिसका खामियाजा हुआ की पार्टी हारी.
मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश की बात करें तो राहुल गांधी ने कमलनाथ से नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि बेटे को छिंदवाड़ा से टिकट दिलवाए और उन्होंने प्रचार किया. कांग्रेस छिंदवाड़ा की सीट छोड़कर सभी सीटें हार गई. राहुल गांधी के करीबी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी हार का सामना करना पड़ा. दिसंबर में विधानसभा चुनाव के बाद सिंधिया के मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी. मध्य प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी पुरानी है.
पंजाब पंजाब की बात करें तो अमरिंदर सिंह नवजोत सिंह सिद्धू से इतने आहत हुए कि उन्होंने सिद्धू के मंत्रालय तक बदल दिए और सरकार में उनका कद छोटा कर दिया. जिसके बाद सिद्धू ने कहा,‘‘मुझे हल्के में नहीं लिया जा सकता. मेरे विभाग पर सार्वजनिक रूप से निशाना साधा जा रहा हैं...मैंने हमेशा उन्हें बड़े भाई की तरह सम्मान दिया है. मैं हमेशा उनकी बात सुनता हूं. लेकिन इससे दुख पहुंचता है. सामूहिक जिम्मेदारी कहां गई?’’
पंजाब कैबिनेट में फेरबदल में सिद्धू से महत्वपूर्ण स्थानीय शासन विभाग ले लिया गया और उन्हें बिजली और नयी एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग का प्रभार दिया गया है. हालांकि, सिद्धू ने कहा कि उन्होंने हमेशा से अच्छा प्रदर्शन किया है और दावा किया कि पंजाब में पार्टी की जीत में शहरी इलाकों ने अहम भूमिका निभाई.
पंजाब के शहरी इलाकों में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ‘खराब प्रदर्शन’ को लेकर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की नाराजगी का सामना कर रहे सिद्धू चुनाव के बाद हुई पहली कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए. अमरिंदर सिद्धू की शिकायत कांग्रेस आलाकमान से भी कर चुके हैं. हालिया आम चुनाव में कांग्रेस ने पंजाब की 13 में से आठ सीटों पर जीत हासिल की थी. अकाली दल-बीजेपी गठबंधन को चार और आप को एक सीट मिली थी.
हरियाणा हरियाणा में भी कांग्रेस में कलह कम होने का नाम नहीं ले रही है. पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख अशोक तंवर ने कहा, ‘अगर आप मुझे खत्म करना चाहते हैं तो मुझे गोली मार दीजिए.’ पार्टी के हरियाणा प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने नई दिल्ली में मंगलवार को एक बैठक बुलाई थी. उस बैठक में मौजूद पार्टी के एक नेता ने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के करीबी विधायकों ने तंवर को निशाना बनाया.
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विधायकों ने पार्टी के राज्य में लोकसभा की 10 में से एक भी सीट नहीं जीतने पर हरियाणा में नेतृत्व परिवर्तन की मांग की. उन्होंने बताया कि विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान विधायक कुलदीप शर्मा ने करनाल लोकसभा सीट पर खराब प्रदर्शन के लिए तंवर को जिम्मेदार ठहराया. हरियाणा की सभी सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. 2014 में कांग्रेस को एक सीट मिली थी.
तेलंगाना तेलंगाना में कांग्रेस में भगदड़ मचा है. पार्टी के कुल 18 विधायकों में से 12 चंद्रशेखर राव की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में गुरुवार को शामिल हो गए. अब कांग्रेस के पास सूूबे की 119 सीटों में सिर्फ 6 विधायक बचे हैं.
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