'राइस पुलर' फरेब का ऐसा खेल जिसमें नेता और अभिनेता गंवा चुके हैं करोड़ों की रकम
राइस पुलर का गोरखधंधा मुंबई समेत देश कई हिस्सों में तेजी से फैल रहा है. इसमें धोखेबाज करोड़ों का फायदा बताकर मोटी रकम वसूलते हैं. इसके मामले पुलिस तक बहुत ही कम पहुंचते हैं जिससे इस पर पूरी तरह से लगाम नहीं लग पा रही है.

मुंबई: राइस पुलर का नाम शायद आपने पहली बार सुना होगा, लेकिन जो लोग इससे जुड़े हैं उन्होंने अपनी रातों की नींद हराम कर ली है और इसके पीछे अपने लाखों करोड़ों रुपये बर्बाद कर दिये हैं. राइस पुलर के धंदेबाजों के मुताबिक एक राइस पुलर की कीमत करोड़ो में होती है. राइस पुलर का ये गोरखधंधा मुंबई समेत देश के कई शहरों में तेजी से फैल रहा है.
क्या होता है राइस पुलर
राइस यानि चावल, पुलर यानि चावल को खींचने वाला. इसी को कहते हैं राइस पुलर. राइस पुलर कोई बर्तन हो सकता है. ये कोई सिक्का या किसी प्रकार का धातु हो सकता है. जिसकी कीमत राइस पुलर के धंधेबाज 200 से 500 करोड़ रुपये बताते हैं. इसी चक्कर में रातों रात अरबपति बनने का जो ख्वाब देखते हैं वो इसके जाल में फंसकर कंगाल हो जाते हैं. राइस पुलर के ऐसे धंधेबाजों के चक्कर में आकर कुछ नेता, अभिनेता समेत तमाम लोग अपनी गाढ़ी कमाई की रकम लुटा चुके हैं. मुंबई में फरेब का ये धंधा हद से ज्यादा पैर पसार चुका है और कई बड़े लोग इसके शिकार हो चुके हैं. मुंबई पुलिस सूत्रों की मानें तो उन्होंने इस मामले में बड़ी कार्रवाई भी की है.
कैसे करता है काम
दरअसल राइस पुलर के धंधेबाज जब जाल बिछाकर अपना शिकार फंसाते हैं तो उसे बताते हैं कि कुछ पुरानी धातुएं जैसे पुराना तांबे का लोटा, पुराने सिक्के या फिर कोई ऐसी धातु जिसपर आसमानी बिजली जब गिरती है तो उसके अंदर एक उर्जा का निर्माण हो जाता है. जिसके आसपास अगर हम चावल के दानों को रखते हैं तो ऐसी धातु चावल के दानों को अपनी ओर खींचने लगते हैं. इसी धातु को कहते हैं राइस पुलर. जिसकी कीमत करोड़ो में होती है क्योंकि ऐसी धातु दुनिया में कम ही मिलती है. साथ में राइस पुलर के काले कारोबारी बताते हैं की ऐसी धातु में मौजूद उर्जा का इस्तेमाल सैटेलाइट बनाने में किया जाता है जिसकी कीमत नासा या बार्क जैसी संस्थाएं सैंकड़ों करोड़ो में देती हैं.राइस पुलर के काले कारोबारी अपने शिकार को बताते हैं कि उनके पास एक ऐसा बर्तन है जो राइस को अपनी ओर खींचता है, लेकिन उसकी टेस्टिंग के लिए वैज्ञानिकों की टीम आती है जिसका खर्च लाखों में होता है जो उनके पास नहीं हैं. अगर कोई शख्स राइस पुलर के टेस्टिंग का खर्च देता है, उनका राइस पुलर सही निकलता है और बिक जाता है तो उनको करोड़ों की रकम मिलेगी, जिसमें लाखों रुपये टेस्टिंग के लिए लगाने वाले शख्स को करोड़ों का हिस्सा मिलेगा. इसी चक्कर में लोग लाखों रुपये लगा देते हैं और राइस पुलर गैंग का शिकार हो जाते हैं. एबीपी न्यूज ने राइस पुलर जैसी धातुओं में पैदा होने वाली उर्जा के बारे में वैज्ञानिकों से भी बात की. जिन्होंने ऐसे दावे को सिरे से खारिज कर दिया और इसे सिर्फ एक फरेब का धंधा बताया है.
पुलिस पहले भी कर चुकी कार्रवाई
बीते दो तीन सालों के अंदर देश के कई राज्यों में राइस पुलर गैंग के सदस्यों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. पिछले साल दिल्ली पुलिस ने भी राइस पुलर गैंग के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया था. जिनके पास से एक खास ड्रेस भी बरामद की गई थी. इस ड्रेस को पहनकर राइस पुलर गैंग के लोग धातु की टेस्टिंग का दावा करते थे ताकि उससे निकलने वाले रेडिएशन से बचा जा सके. किस तरह से राइस पुलर गैंग काम करता है और लोगों को अपने जाल में फंसाता है इसकी खबर एबीपी न्यूज ने सबसे पहले दिखाया था और अपने खुफिया कैमरे में राइस पुलर गैंग के कई दलालों को अपने खुफिया कैमरे में कैद भी किया था.
देश के कई शहरों में फैल चुके गोरखधंदेबाजों पर पुलिस इस लिए लगाम नहीं लगा पा रही, क्योंकि जो लोग ऐसे चक्करों में फंसकर अपनी रकम गवां देते हैं, अपनी बदनामी के डर से किसी को इसके बारे में बताते नहीं हैं. पुलिस में इसकी शिकायत भी दर्ज नहीं कराते हैं. इसी वजह से राइस पुलर जैसे गोरखधंदे चलाने वालों की दुकान धड़ल्ले से चल रही है और उनके लोग शिकार बनते जा रहे हैं.
ये गैंग राइस पुलर, दो मुंहा सांप, पानी की धार पर चढ़ने वाली खास लकड़ी, खास प्रजाति का उल्लू, तिलिस्मी शंख, खास किस्म का चश्मा. ये ऐसे कई नाम हैं जिनके जरिए लोगों को करोड़ों की रकम रातों रात कमाने का झांसा देते हैं. देश में इस गैंग के सदस्य शहर शहर अपना जाल बिछाए हुए हैं जिससे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. सोशल मीडिया के जरिए ये अपने कारनामों के वीडियों भी डालते रहते हैं.
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Source: IOCL






















