Feb 2021 Inflation Rate: महंगाई का झटका! जनवरी के मुकाबले फरवरी में बढ़ी खुदरा महंगाई
जनवरी की तुलना में खुदरा महंगाई बढ़ी है. जनवरी में खुदरा महंगाई 4.06 फीसदी थी जबकि फरवरी में यह बढ़कर 5.03 फीसदी हो गई है.

देश के लोगों को एक तरफ जहां पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों पर अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है तो वहीं खुदरा महंगाई के मोर्चे पर भी उन्हें झटका लगा है. जनवरी की तुलना में खुदरा महंगाई बढ़ी है. जनवरी में खुदरा महंगाई 4.06 फीसदी थी जबकि एक महीने बाद फरवरी में यह बढ़कर 5.03 फीसदी हो गई है.
जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति कम होने का मुख्य कारण सब्जियों की कीमतों में कमी आना था. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2020 में 4.59 प्रतिशत थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वर्ग में कीमतों में सालाना आधार पर वृद्धि की दर जनवरी 2021 में 1.89 प्रतिशत रही. दिसंबर 2020 में खाद्य मुद्रास्फीति 3.41 प्रतिशत थी. रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति तय करते समय खुदरा मुद्रास्फीति की दर पर गौर करता है. संसद ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत रखने की नीतिगत जिम्मेदारी दी है. जनवरी में लगातार दूसरे महीने खुदरा मुद्रास्फीति इस दायरे में रही थी.
इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा था, ‘‘खाद्य मुद्रास्फीति में व्यापक आधार पर नरमी से जनवरी 2021 में सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति 16 महीने के निचले स्तर पर आ गई. फरवरी 2021 में अब तक खाद्य मुद्रास्फीति ने मिश्रित रुख प्रदर्शित किया है. प्याज की कीमतों में तेजी तथा कच्चे तेल के बढ़ते दाम के चलते ईंधनों के खुदरा भाव में वृद्धि कुछ ऐसे चिंताजनक क्षेत्र हैं, जिनके ऊपर ध्यान दिये जाने की जरूरत है.’’
जनवरी 2021 में सब्जियों की कीमतों में और नरमी आई थी. इनकी मुद्रास्फीति शून्य से 15.84 प्रतिशत नीचे रही. इसी तरह दाल एवं उत्पाद श्रेणी में मुद्रास्फीति नरम होकर 13.39 प्रतिशत पर आ गई थी. इससे पहले दिसंबर 2020 में सब्जियों की मुद्रास्फीति शून्य से 10.41 प्रतिशत नीचे तथा दाल एवं उत्पाद खंड में 15.98 प्रतिशत रही थी.
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Source: IOCL





















