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राष्ट्रपति भवन का दावा, पुरी मंदिर में राष्ट्रपति के साथ नहीं हुई कोई बदतमीज़ी
आरोप लगा था कि भगवान जगन्नाथ के पुजारियों ने उन्हें धक्का देने की कोशिश की. कहा गया कि राष्ट्रपति भवन ने इस बारे में मंदिर के प्रशासन को चिट्ठी लिख कर नाराज़गी जताई है.
![राष्ट्रपति भवन का दावा, पुरी मंदिर में राष्ट्रपति के साथ नहीं हुई कोई बदतमीज़ी Rashtrapati Bhavan's claim, No misconduct with President Ramnath Kovind at Puri राष्ट्रपति भवन का दावा, पुरी मंदिर में राष्ट्रपति के साथ नहीं हुई कोई बदतमीज़ी](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2017/10/24093631/RAMNATH-KOVIND-NEW-580x395.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: कुछ दिनों पहले मीडिया में एक खबर आई थी जिसमें बताया गया कि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी के साथ पुरी मंदिर में बदसलूकी हुई. आरोप लगा था कि भगवान जगन्नाथ के पुजारियों ने उन्हें धक्का देने की कोशिश की. कहा गया कि राष्ट्रपति भवन ने इस बारे में मंदिर के प्रशासन को चिट्ठी लिख कर नाराज़गी जताई है. लेकिन अब पता चला है कि ये सब अफ़वाह थी. मीडिया में आई रिपोर्ट ग़लत साबित हुई. न तो राष्ट्रपति भवन ने कोई चिट्ठी भेजी थी. न ही जगन्नाथ मंदिर के प्रशासन ने कभी इस मुद्दे पर मीटिंग की. राष्ट्रपति भवन के प्रेस सेक्रेटरी अशोक मलिक ने एबीपी न्यूज़ से कहा हमारी तरफ़ से कोई चिट्ठी नहीं भेजी गई है, जो ऐसा कह रहे हैं वे चिट्ठी तो दिखायें. ये सब बस अफ़वाह है. मलिक ने कहा कि इस दिन कुछ शैवायत ज़रूर सुरक्षा घेरा तोड़कर राष्ट्रपति को नज़दीक से देखना चाह रहे थे. दलित राष्ट्रपति के साथ मंदिर में दुर्व्यवहार को लेकर मीडिया के एक वर्ग ने बहुत विलाप किया था. आरोप लगे थे कि दलित होने के कारण उनके साथ पुजारियों ने ऐसा किया.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविंद 18 मार्च को पुरी गए थे. दोनों ने सवेरे ही वहां भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए. क़रीब घंटे भर दोनों मंदिर में रहे. बाद में ये आरोप लगा कि प्रोटोकॉल तोड़ कर पुजारियों ने वीवीआईपी के साथ धक्का मुक्की की. इसके लिए सबूत के तौर पर मंदिर मैनेजमेंट कमेटी के एजेंडे की चिट्ठी दिखाई गई. 20 मार्च को मंदिर मैनेजमेंट कमेटी की बैठक हुई थी. पुरी के राजा इसके अध्यक्ष होते हैं. पी के जेना तब मुख्य प्रशासक हुआ करते थे. पुरी के डीएम अरविंद अग्रवाल भी इस कमेटी के सदस्य हैं. इस बैठक के एजेंडे की जो चिट्ठी सोशल मीडिया में वायरल हुई थी. कहा जा रहा है कि वो चिट्ठी भी फ़र्ज़ी थी. उस पर किसी के दस्तखत नहीं थे.
बीजू जनता दल के सांसद और प्रवक्ता प्रताप देव ने तो इस झूठी ख़बर पर प्रेस कनफ़्रेंस तक कर दी. उन्होंने राष्ट्रपति के साथ हुए कथित ग़लत व्यवहार के लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार ठहरा दिया. केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा बीजेडी के नेता झूठ बोलने में एक्सपर्ट हैं. राष्ट्रपति के साथ ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था. प्रधान इस दिन राष्ट्रपति के दौरे में उनके साथ थे. पुरी में जगन्नाथ मंदिर के पुजारी इप्सित प्रतिहारी ने कहा मंदिर में दर्शन के बाद राष्ट्रपति संस्कृत कॉलेज के कार्यक्रम में गए थे, मैं भी वहीं था. अगर उनके साथ कुछ ग़लत होता तो उनके हाव भाव से पता चल जाता. कभी पुरी के डीएम रहे प्रदीप्त महापात्र अब मंदिर मैनेजमेंट कमेटी के मुख्य प्रशासक हैं. हमने जब उनसे पूछा कि क्या मीटिंग में राष्ट्रपति के प्रोटोकॉल तोड़ने पर कोई चर्चा हुई थी. तो वे बोले मैं जब तक था, तब तक तो इस पर कोई बातचीत ही नहीं हुई.
अब सवाल ये है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ मंदिर में बदसलूकी की बात कहां से उठी. सूत्र बताते हैं कि इस ख़बर का मंदिर के ख़ज़ाने की चाभी से भी लेनादेना है. एक सीनियर आईपीएस अफ़सर ने बताया कि पुरी के अधिकारियों में आपस में नहीं बनती है. हो सकता है इसी चक्कर में ऐसा हुआ हो. पुरी के डीएम अरविंद अग्रवाल और एसपी सार्थक सारंगी में तनातनी की चर्चा है.
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