Ram Mandir: राम मंदिर उद्घाटन पर सियासी संग्रामः X पर #WeSupportShankaracharya ट्रेंड, जानिए क्या है पूरा माजरा
Ram Mandir Inauguration Ceremony: दो शंकराचार्यों ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का विरोध किया है, जबकि दो अन्य शंकराचार्यों ने कार्यक्रम का समर्थन किया है. इसे लेकर ट्विटर पर भी संग्राम छिड़ा हुआ है.

Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कथित तौर पर शंकराचार्यों की ओर से सवाल खड़े किए जाने के बाद विवाद नहीं थम रहा. अब सोशल मीडिया पर #wesupportshankracharya ट्रेंड कर रहा है. लोग इसके जरिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं.
यूजर्स का कहना है कि राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट की ओर से जानबूझकर शंकराचार्य को नहीं बुलाया जा रहा है, क्योंकि वे उपस्थित होने पर नियमों के विपरीत प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े कर सकते हैं. इसी तरह के ट्वीट लगातार माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर आ रहे हैं.
क्या कह रहे हैं यूजर्स?
रवेंद्र सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा, "सच तो यह है कि ट्रस्ट यह चाहता भी नहीं है कि शंकराचार्य आएं, क्योंकि शंकराचार्य आयेंगे तो बिना आपात काल के अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के प्रश्न को पूछेंगे. शंकराचार्य आयेंगे तो मुहूर्त की प्रासंगिकता पर प्रश्न करेंगे."
एक अन्य यूजर ने लिखा, "जब भारत की धर्मसत्ता राजसत्ता को निर्देशित करती थी, भारत सोने की चिड़िया था. जबसे राजसत्ता धर्मसत्ता से ऊपर चली गई है, देश रसातल में गिरता ही जा रहा है. गिरता ही जा रहा है. शंकराचार्य जी महाभाग धर्मसत्ता के प्रतीक हैं.
जब भारत की धर्मसत्ता राजसत्ता को निर्देशित करती थी भारत सोने की चिड़िया था। जबसे राजसत्ता धर्मसत्ता से ऊपर चली गई है देश रसातल में गिरता ही जा रहा है। गिरता ही जा रहा है।
— Rajiv Dixit Ji Official (@bharat_rdx) January 14, 2024
शंकराचार्य जी महाभाग धर्मसत्ता के प्रतीक हैं।
- श्री राजीव दीक्षित जी #WeSupportShankaracharya pic.twitter.com/xYfhmSSaKx
प्राण प्रतिष्ठा के समर्थन में उतरे दो शंकराचार्य
इस बीच राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को दो शंकराचार्यों का समर्थन मिल गया है. कांची और श्रृंगेरी के शंकराचार्यों का कहना है कि समारोह हिंदू रीति-रिवाजों से ही हो रहा है. साथ ही उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के विरोध के दावों को भी खारिज कर दिया है.
दो शंकराचार्यों अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और निश्चलानंद सरस्वती ने समारोह पर सवाल उठाए थे. इस बीच कांची कामकोटि मठ के विजयेंद्र सरस्वती स्वामीगल ने समारोह के खिलाफ होने के दावों से इनकार किया है.
शंकराचार्य ने की पीएम मोदी की सराहना
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, उन्होंने कहा, 'भगवान राम के आशीर्वाद से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में 22 जनवरी को होगी. समारोह के दौरान यज्ञशाला की भी पूजा की जाएगी. 100 से ज्यादा विद्वान यज्ञशाला की पूजा और हवन शुरू करेंगे. भारत में तीर्थस्थलों के विकास में प्रधानमंत्री नरेंद्र का खास विश्वास है. उन्होंने केदारनाथ और काशी विश्वनाथ मंदिरों के परिसरों में भी विस्तार किया है.'
श्रृंगेरी के शंकराचार्य स्वामी भारती तीर्थ महाराज भी समारोह के समर्थन में हैं. उन्होंने कहा कि समारोह पूरे हिंदू रीति-रिवाजों के साथ है और देश की जनता का प्रतिनिधि होने के नाते मोदी को पुजारियों की तरफ से बताए गए अनुष्ठान करने का अधिकार है.
' गर्भगृह पूरा हो जाए तो कोई विवाद नहीं'
श्रीश्रृंगेरी शारदा पीठम के धर्माधिकारी देवजन के एन सोमयाजी ने कहा कि एक बार गर्भगृह पूरा हो जाए, तो समारोह को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'निर्माण एक लंबी प्रक्रिया है. कई बार यह दो से तीन पीढ़ियों तक भी चलती है. हालांकि, एक बार गर्भगृह पूरा हो जाए तो इसपर कोई विवाद नहीं होना चाहिए। यह अयोध्या में पूरा हो चुका है.'
Source: IOCL























