Punjab Election 2022: क्या पंजाब के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं नवजोत सिंह सिद्धू? Exclusive इंटरव्यू में दिया जवाब
Navjot Singh Sidhu Punjab Election: एबीपी न्यूज के साथ इंटरव्यू में नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया कि कैसे वो पॉलिटिक्स में ना चाहते हुए भी आ गए.
Navjot Singh Sidhu: पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में काफी हलचल मचाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने एबीपी न्यूज के साथ इंटरव्यू में कई कड़े सवालों का जवाब दिया. इस दौरान जब सिद्धू से सवाल किया गया कि वो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने की इच्छा रखते हैं? इस पर सिद्धू ने कहा कि लोकतंत्र में आपके चाहने से कुछ नहीं होता, लोगों के चाहने से होता है.
पॉलिटिक्स में कभी नहीं आना चाहता था - सिद्धू
सिद्धू ने कहा कि, लोगों ने हराम के पैसे इतने इकट्ठे कर लिए हैं कि अब उनका इस्तेमाल झूठ फैलाने के लिए किया जाता है. झूठ को सच करने के लिए काम किया जाता है. सच किसी भी बैसाखी पर नहीं चलता है. नवजोत सिंह सिद्धू ने राजनीति में आने को लेकर कहा कि, मैं कभी पॉलिटिक्स में नहीं आना चाहता था. एक बार एक ज्योतिष ने कहा था कि सिद्धू तू पॉलिटिक्स में जाएगा, लेकिन तब मैंने कहा था कि अगर मैं समुद्र में डूब रहा हूं और कोई मुझे आवाज लगाकर कहे कि तुझे बचा लूंगा अगर पॉलिटिक्स जॉइन कर लेगा, तो मैं डूब जाना पसंद करूंगा. लेकिन उस ज्योतिष का कहना सच हुआ और मुझे सियासत खींचकर ले गई.
एक परिवार एक टिकिट का फॉर्मूला
सिद्धू ने कहा कि, मेरा प्लान था कि अगली ट्रिप ऑस्ट्रेलिया में वाइफ के साथ होगी, लेकिन पंजाब की सियासत में एंट्री हो गई. अब बस यही सपना है कि जनता के लिए कल्याणकारी सरकार दें और आखिर में खड़े बंदे तक ताकत पहुंचेगी तो सिद्धू को आसानी से मौत आएगी. उन्होंने कहा कि, सिद्धू सिद्ध था और सिद्ध रहेगा. इस बार पंजाब में एक परिवार एक टिकिट का फॉर्मूला रहेगा.
खाली कुर्सियों के चलते पंजाब से लौटे थे पीएम - सिद्धू
प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि, एक ऐसा इतिहास रचा जा रहा था जो कलंकित कर देता. क्या कोई प्रधानमंत्री 70 हजार खाली कुर्सियों को संबोधित कर सकता था? अगर वहां से हेलीकॉप्टर की इजाजत थी तो क्यों हेलीकॉप्टर नहीं उड़ाया गया? वो इस देश और पंजाब के भी प्रधानमंत्री हैं. तो ये तो हो सकता है कि दो लोगों ने विरोध कर दिया, क्योंकि उनका मौलिक हक है... लेकिन उनकी जान को खतरा है ये तो बात बिल्कुल पचती ही नहीं है. ये तो एक बहाना था.
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