(Source: ECI / CVoter)
भीमा कोरेगांव हिंसा: पुणे पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ दायर की चार्जशीट
पुणे पुलिस ने रोना विल्सन के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के प्लान के लिये विस्फोटक और हथियार जमा करने के प्लान में शामिल होने के सबूत का दावा किया है.
नई दिल्लीः पुणे पुलिस ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ पुणे सेशन कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी शिवाजी पवार ने विशेष अदालत में 5000 पन्नों से ज्यादा की चार्जशीट फाइल की. पांचों आरोपियों में एडवोकेट सुरेंद्र गडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, सुधीर धवले और रोना विल्सन हैं.
Bhima Koregaon violence case: Pune Police files chargesheet against the five accused Advocate Surendra Gadling, Shoma Sen, Mahesh Raut, Sudhir Dhawale and Rona Wilson, in Pune Sessions Court.
— ANI (@ANI) November 15, 2018
पुणे पुलिस ने रोना विल्सन के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के प्लान के लिये विस्फोटक और हथियार जमा करने के प्लान में शामिल होने के सबूत का दावा किया है. इसके अलावा हिंसा करवाने के लिये गडलिंग, शोमा को मिले 5 लाख रुपये का सबूत भी चार्जशीट में दिया गया है.
चार्जशीट में ये भी कहा गया है कि रोना विल्सन और सुरेंद्र गडलिंग के घर से बरामद हार्ड डिस्क में माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो के फैसले के दस्तावेज मिले हैं. चार्जशीट में भीमा कोरेगांव के समय हिंसा करवाने के लिए कबीर कला मंच के माध्यम से भड़काऊ भाषण और नाटक जिसमें कही गयी कुछ लाईनें जैसे 'अगर बगावत न हो तो शहर को जलाकर राख कर दो' का विवरण है. इसके अलावा हिंसाचार फैलाने के लिये किये कई कारनामों के सबूत हैं.
चार्जशीट में सुधीर धवले और हर्षाली पोतदार पर ये आरोप लगाया गया है कि उन्होंने ऐसा प्रचार किया जिससे भीमा कोरेगांव का इतिहास बदलकर लोग हिंसाचार पर उतारू हो जाएं. इसके अलावा पत्र-व्यवहार मिला है जिसमें लिखा है कि 'दलितों में बीजेपी और संघ के ब्राह्मण केंद्रित एजेंडा के खिलाफ गुस्सा है. इस गुस्से का फायदा उठाकर हमें लोगो को इकट्ठा कर माहौल खराब करना चाहिए.'
इसके अलावा चार्जशीट में ये भी कहा गया कि आंदोलन ठंडा होता देख महेश राऊत ने टाटा इन्स्टिट्यूट मुंबई से युवक को जंगल में माओवादियों के साथ ट्रेनिंग में भेजा था.
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