पीएम मोदी ने की सहकार से समृद्धि प्रोग्राम की समीक्षा, स्कूल से लेकर IIM तक के पाठ्यक्रम में शामिल होगी सहकारी शिक्षा
PM Modi Review Meeting: शिक्षा में पीएम ने स्कूलों, कॉलेजों और IIM में सहकारी पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ-साथ भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए सफल सहकारी संगठनों को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा.

PM Modi Review Sahakar Se Samriddhi Program: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार (06 मार्च, 2025) को 7 लोक कल्याण मार्ग पर सहकारिता क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा बैठक की. बैठक में गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह के अलावा सहकारिता मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहे. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रस्ताव रखा कि स्कूल से लेकर, कॉलेज और IIM तक सहकारी पाठ्यक्रम शुरू किया जाए.
सहकारिता क्षेत्र में तकनीकी प्रगति के माध्यम से परिवर्तन लाने के लिए "सहकार से समृद्धि" को बढ़ावा देने, सहकारिता में युवाओं और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की योजना और सहकारिता मंत्रालय की विभिन्न पहलों पर चर्चा हुई.
पीएम मोदी ने इस बात पर दिया जोर
जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने भारतीय सहकारिता क्षेत्र का विस्तार करने के लिए वैश्विक सहकारी संगठनों के साथ साझेदारी की आवश्यकता पर बल दिया और सहकारी संगठनों के माध्यम से जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर दिया. उन्होंने निर्यात बाजारों पर ध्यान केंद्रित करने और कृषि पद्धतियों में सुधार के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से मृदा परीक्षण मॉडल विकसित करने का भी सुझाव दिया.
प्रधानमंत्री ने वित्तीय लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए यूपीआई को रूपे केसीसी कार्ड के साथ एकीकृत करने के महत्व पर प्रकाश डाला और सहकारी संगठनों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता पर बल दिया.
प्रधानमंत्री ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सहकारी संगठनों की संपत्तियों का दस्तावेजीकरण करने के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने सहकारी खेती को अधिक टिकाऊ कृषि मॉडल के रूप में बढ़ावा देने का सुझाव दिया. उन्होंने सहकारी क्षेत्र में कृषि और संबंधित गतिविधियों का विस्तार करने के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (एग्रीस्टैक) के उपयोग की सिफारिश की, जिससे किसानों को सेवाओं तक बेहतर पहुंच मिल सके.
पीएम मोदी ने रखा प्रस्ताव
शिक्षा के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने स्कूलों, कॉलेजों और आईआईएम में सहकारी पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ-साथ भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए सफल सहकारी संगठनों को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने आगे कहा कि युवा स्नातकों को योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और सहकारी संगठनों को उनके प्रदर्शन के आधार पर रैंक किया जाना चाहिए, ताकि प्रतिस्पर्धा और विकास को एक साथ बढ़ावा दिया जा सके.
बैठक के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला गया कि वर्तमान में देश की आबादी का पांचवां हिस्सा सहकारी क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, जिसमें 30 से अधिक क्षेत्रों में फैली 8.2 लाख से अधिक सहकारी संस्थाएं शामिल हैं, जिनकी सदस्यता 30 करोड़ से अधिक व्यक्तियों की है.
बैठक में कौन-कौन हुआ शामिल?
बैठक में मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव-2 शक्तिकांत दास, प्रधानमंत्री के सलाहकार अमित खरे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
ये भी पढ़ें: राहुल गांधी का धारावी दौरा, क्या कांग्रेस MVA से अलग कर रही बीएमसी चुनाव की साइलेंट तैयारी?
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























