PM मोदी ने रखी वीर सावरकर कॉलेज की नींव, 14 एकड़ का कैंपस 2 फेज में बनकर होगा तैयार; जानें क्या होंगी सुविधाएं
Veer Sawarkar college in Delhi: कॉलेज का नाम वीर सावरकर रखने पर खड़े हुए सवाल पर लोकल लोगों का कहना था कि इससे बच्चों को फायदा होगा. नशे में घूम रहा बच्चा शिक्षित होगा.

Veer Sawarkar college in Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (3 जनवरी, 2025) पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली में दो नए दिल्ली विश्वविद्यालय परिसरों के साथ-साथ वीर सावरकर के नाम पर एक कॉलेज की नींव रखी है. नजफगढ़ के रौशनपुरा में इस वीर सावरकर कॉलेज का निर्माण कराया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक 2021 में डीयू की कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित नजफगढ़ में सावरकर कॉलेज के निर्माण के लिए 140 करोड़ रुपये की अस्थायी लागत तय गई.
पश्चिमी परिसर से मात्र पांच मिनट की दूरी पर रोशनपुरा, नजफगढ़ में यूईआर हाइवे के एकदम नजदीक वीर सावरकर के नाम पर एक कॉलेज का निर्माण किया जाएगा, लगभग 140 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 18816.56 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र वाले इस प्रोजेक्ट में अकादमिक गतिविधियों के लिए 24 क्लास रूम, आठ ट्यूटोरियल रूम, एक कैंटीन और 40 फैकल्टी रूम सहित डिपार्टमेंट लाइब्रेरी और कांफ्रेंस रूम होगा. इस कॉलेज का स्ट्रक्चर कैसा रहेगा इस पर आर्किटेक्चर स्वास्ती ने बताया कि आने वाले 2 सालों में ये बनकर तैयार भी हो जाएगा.
8 मंजिला बनेगा कॉलेज
इसमें बेसमेंट भी है और 8 मंजिला बिल्डिंग भी है. 80 और 120 कैपेसिटी के 24 क्लासरूम हैं. बाकी फेज 1 और फेज 2 बाद में बनेगा ये पूरा कैंपस. 14.78 एकड़ का है. कैंपस में सोलर पावर ग्रीन बिल्डिंग के सारे नॉर्म रहेंगे, बैरियर फ्री रैंप रहेगा. फिजिकली डिसेबल के लिए रूम बनेगा, स्वच्छ भारत टायलेट, STP प्लांट भी बनाए जाएंगे. कूडे को रिस्टोर कर के प्रोसेस करेंगे. ओपन ग्रीन एरिया में फुटबॉल ग्राउंड बैडमिंटन कोर्ट भी बनेगा.
क्या बोले स्थानीय लोग?
कॉलेज का नाम वीर सावरकर रखने पर खड़े हुए सवाल पर लोकल लोगों से बात की और उनसे ये भी जाना कि इस कॉलेज के खुलने से आसपास के बच्चों को कितना फायदा मिलेगा. लोगों ने कहा कि कॉलेज खुलना बहुत बढ़िया है और नशे में घूम रहा बच्चा शिक्षित होगा. बीते 40 सालों से जमीन थी, लेकिन सरकारों ने यहां कॉलेज नहीं बनाया. लोकल लोगों ने कहा कि सावरकर ने स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान दिया और कांग्रेस अगर इतना ही मनमोहन सिंह का सम्मान करती है, राजीव गांधी पर इतनी चीजें है किसी का नाम बदल कर मनमोहन सिंह के नाम पर कर दे. सावरकर का विरोध मतलब राष्ट्र का विरोध.
‘कांग्रेस की हाल खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाला है’
इस मुद्दे पर स्थानीय महिलाओं ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस वाले चिल्लाते हैं, इससे पहले तो यही लोग थे क्यों नहीं बनाया कॉलेज. इनका खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाला हाल है. मां भारती के लिए जिन्होंने योगदान दिया उनकी वजह से देश बचा है. मनमोहन सिंह स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, जिनका देश की आजादी में योगदान है. ऐसे स्वतंत्रता सेनानी का नाम होना चाहिए. इतिहास के साक्षी हैं वीर सावरकर.
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Source: IOCL





















