सूफी संगीत समारोह जहान-ए-खुसरो का उद्घाटन करेंगे करेंगे पीएम मोदी
Jahan E Khusrau 2025: इस साल सूफी नाइट्स की थीम विविधता में एकता रखी गई है. इसमें दुनियाभर के सूफी संगीतकार, कवि और कलाकार शामिल होंगे. इस महोत्सव का आयोजन 28 फरवरी से 2 मार्च तक होना है.

Jahan E Khusrau 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (27 फरवरी 2025) की शाम राजधानी स्थित सुंदर नर्सरी में सूफी संगीत समारोह जहान-ए-खुसरो के सिल्वर जुबली कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने गुरुवार को एक बयान में यह जानकारी दी. पीएमओ ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 फरवरी को शाम लगभग 7:30 बजे सुंदर नर्सरी, नई दिल्ली में भव्य सूफी संगीत समारोह, जहान-ए-खुसरो 2025 में भाग लेंगे.’’
जहान-ए-खुसरो में भाग लेंगे पीएम मोदी
पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री देश की विविध कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रबल समर्थक रहे हैं और इसके अनुरूप, वह जहान-ए-खुसरो में भाग लेंगे, जो सूफी संगीत, कविता और नृत्य को समर्पित एक अंतरराष्ट्रीय महोत्सव है. बयान में कहा गया कि यह आयोजन अमीर खुसरो की विरासत का जश्न मनाने के लिए दुनिया भर के कलाकारों को एक साथ ला रहा है. साल 2001 में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और कलाकार मुजफ्फर अली की ओर से शुरू किए गए इस महोत्सव का आयोजन रूमी फाउंडेशन की ओर से किया जा रहा है.
इस महोत्सव का आयोजन 28 फरवरी से 2 मार्च तक होना है. महोत्सव के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेह बाजार (टीईएच- द एक्सप्लोरेशन ऑफ द हैंडमेड) का भी दौरा करेंगे, जिसमें एक जिला-एक उत्पाद शिल्प और देश भर से अन्य विभिन्न उत्तम कलाकृतियां, हस्तशिल्प और हथकरघा पर लघु फिल्में शामिल होंगी.
रजत जयंती कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी
जहान-ए-खुसरो के संस्थापक और फिल्मकार मुजफ्फर अली ने 23 फरवरी 2025 को बताया था कि प्रधानमंत्री आगामी 28 फरवरी को दिल्ली स्थित सुंदर नर्सरी में आयोजित होने वाले सूफी संगीत समारोह की रजत जयंती कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे. उन्होंने कहा था, "इस साल सूफी नाइट्स की थीम विविधता में एकता रखी गई है. इसमें दुनियाभर के सूफी संगीतकार, कवि और कलाकार शामिल होंगे."
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "जहान-ए-खुसरो महोत्सव में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और देशभर से अन्य विभिन्न कलाकृतियां, हस्तशिल्प और हथकरघा पर शॉर्ट फिल्म भी दिखाई जाएंगी. यह महोत्सव का 25वां संस्करण है, जो सूफी संगीत और संस्कृति को लोकप्रिय बनाने का एक सराहनीय प्रयास रहा है."
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