Andhra Pradesh Political Controversy: 1200 एकड़ की जमीन पर 1800 करोड़ का पार्क! क्या हुआ, जिससे हिल गई आंध्र की सियासत
EV Park: आंध्र प्रदेश सरकार ने कुरनूल में 1,200 एकड़ जमीन पर ईवी पार्क की घोषणा की जिससे सियासी विवाद बढ़ गया है. कंपनी और इसके राजनीतिक संबंधों पर सवाल उठ रहे हैं.

Andhra Politics: आंध्र प्रदेश सरकार ने कुरनूल जिले में 1,200 एकड़ भूमि पर ओर्वाकल मोबिलिटी वैली नामक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पार्क की स्थापना की घोषणा की है. Rs 1,800 करोड़ की इस प्रोजेक्ट को देश का पहला निजी ईवी पार्क बताया जा रहा है. सरकार का दावा है कि ये प्रोजेक्ट Rs 13,000 करोड़ के निवेश को आकर्षित करेगी और 25,000 नौकरियों का सृजन करेगी. इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत हाल ही में एक उच्च-स्तरीय समारोह में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए जिसमें आईटी मंत्री लोकेश नारा और उद्योग मंत्री टीजी भारत ने हिस्सा लिया.
जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट के प्रमुख लाभार्थी पीपल टेक एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड और उसके सीईओ टीजी विश्व प्रसाद के राजनीतिक संबंधों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. बता दें कि टीजी विश्व प्रसाद भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद टीजी वेंकटेश के करीबी रिश्तेदार हैं. इसके अलावा टीजी वेंकटेश के बेटे टीजी भारत कुरनूल से विधायक और राज्य के उद्योग मंत्री हैं. आलोचकों का कहना है कि विश्व प्रसाद के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के मंत्रिमंडल से जुड़े नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध इस परियोजना के लिए भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देते हैं.
पीपल टेक एंटरप्राइजेज पर उठे सवाल
पीपल टेक एंटरप्राइजेज की इस परियोजना को संचालित करने की क्षमता पर भी सवाल उठ रहे हैं. ये कंपनी मुख्य रूप से आईटी सेवाओं के लिए जानी जाती है और इसका इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण में कोई अनुभव नहीं है. उद्योग विशेषज्ञ और विपक्षी दल इस बात पर आपत्ति जता रहे हैं कि इतनी बड़ी सरकारी जमीन एक ऐसी कंपनी को क्यों सौंपी गई जिसका ईवी निर्माण में पिछला रिकॉर्ड नहीं है.
विपक्ष ने परियोजना की जांच और पारदर्शिता की मांग की
आलोचकों ने इस प्रोजेक्ट में भाई-भतीजावाद और पारदर्शिता की कमी की ओर इशारा किया है. वे सवाल उठा रहे हैं कि योग्य उद्यमों को नजरअंदाज कर इस कंपनी को प्राथमिकता क्यों दी गई. इसके अलावा टीजी विश्व प्रसाद के अभिनेता पवन कल्याण और उनके भाई चिरंजीवी से संबंधों ने भी इस विवाद को और गहरा कर दिया है. विपक्षी दलों ने इस परियोजना की जांच की मांग की है और आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का आग्रह किया है.
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Source: IOCL
























