पहलगाम में हमले वाली जगह पर क्यों तैनात नहीं थे सेना के जवान? सामने आई बड़ी वजह
Modi Government action on Pakistan : पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त फैसले किए. इन फैसलों में सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का निर्णय भी शामिल है.

Opposition Scrutiny on Pahalgam Terror Attack : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसारन घाटी में मंगलवार (22 अप्रैल) को हुए आतंकी हमले को लेकर गुरुवार (24 अप्रैल) को केंद्र सरकार ने दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई. यह सर्वदलीय बैठक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुलाई थी, जो पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने के एक दिन बाद बुलाई गई. बैठक में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को इस हमले की जानकारी दी गई.
हालांकि, इस सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दल के नेताओं ने पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछे. बैठक के दौरान लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने औपचारिक रूप से सवाल उठाते हुए कहा कि इस आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई. ऐसे में बैसारन में सुरक्षा बलों की अनुपस्थिति क्यों थी. वहां जवान तैनात क्यों नहीं थे? राहुल गांधी के सवाल करने पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह समेत कई अन्य नेताओं ने भी इस सवाल को दोहराया.
सुरक्षा बलों की अनुपस्थिति के सवाल पर सरकार ने दिया जवाब
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक बैसारन घाटी में सुरक्षा बलों की अनुपस्थिति के सवाल पर केंद्र सरकार की जवाब दिया गया. केंद्र सरकार ने कहा कि जून में शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा की शुरुआत से पहले आमतौर पर बैसारन घाटी को सुरक्षित कर लिया जाता है. इसके बाद ही यात्रा के लिए आधिकारिक मार्ग को खोला जाता है और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों की भी तैनाती की जाती है, जो अमरनाथ गुफा के रास्ते में आराम करने के लिए रुकते हैं.
लोकल टूर ऑपरेटरों ने स्थानीय प्रशासन को नहीं दी थी पर्यटकों की यात्रा की जानकारी
केंद्र सरकार ने अनुसार, स्थानीय टूर ऑपरेटरों ने कथित रूप से 20 अप्रैल से ही पर्यटकों को बैसारन घाटी में ले जाना शुरू कर दिया था, जो अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों के तैनात होने के काफी पहले की बात है. सर्वदलीय बैठक में सरकार के प्रतिनिधियों की ओर से बताया गया कि स्थानीय प्रशासन को पर्यटकों के समय से पहले शुरू हुई आवाजाही की जानकारी नहीं दी गई थी. इसी कारण से पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं की गई.
Source: IOCL






















