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दार्जिलिंग में शांति की पहल करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार चाहती है बातचीत
दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल की सरकार ने अशांत दार्जिलिंग की पहाड़ियों में संकट टालने के लिए वार्ता की पेशकश की है जहां आंदोलन की अगुवाई कर रहे जीजेएम के भूमिगत नेता बिमल गुरूंग और उनकी पत्नी के खिलाफ शनिवार को संघर्ष के दौरान एक व्यक्ति की मौत के सिलसिले में हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
अनिश्चितकालीन बंद के आठवें दिन दार्जिलिंग तनावपूर्ण रहा लेकन कोई घटना नहीं हुई. बंद के कारण सामान्य जनजीवन बाधित रहा.
इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं और पुलिस ने कहा कि अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है ताकि हिंसा नहीं भड़के. स्थानीय केबल टीवी चैनलों का प्रसारण भी बंद रहा.
राज्य के गृह सचिव मलय डे ने सिलिगुड़ी में सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की और कहा कि ''पहाड़ों में शांति कायम करने के लिए वार्ता को लेकर सरकार के दरवाजे खुले हुए हैं.''
बैठक में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा(जीजेएम) या पहाड़ों के किसी राजनीतिक दल ने हिस्सा नहीं लिया. कांग्रेस, माकपा और भाजपा भी इससे अलग रही.
बंद के कारण पहाड़ों में खाद्य, ईंधन और अन्य आवश्यक पदार्थो का संकट पैदा हो सकता है. आवश्यक पदार्थो को ढोने में प्रयोग होने वाले ट्रकों के सभी प्रवेश और निकास मार्गो को बंद कर दिया गया है जिससे खाद्य संकट बढ़ता जा रहा है.
राज्य के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक ने कहा, ''खाद्य सामग्रियों से लदे 80 से ज्यादा ट्रक मैदानी भागों में फंसे हुए हैं क्योंकि पहाड़ों में अनिश्चितकालीन बंद जारी है.'' पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुरूंग और उनकी पत्नी के खिलाफ 17 जून को हत्या, आगजनी, पुलिसकर्मियों पर हमला और हिंसा भड़काने का षड्यंत्र रचने का मामला दर्ज किया गया है.
अधिकारी ने बताया, ''हमने(गुरूंग और उनकी पत्नी के खिलाफ) मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है. आरोप हैं कि वे शनिवार को हिंसा, आगजनी और संघर्ष के दौरान एक व्यक्ति की हत्या में संलिप्त थे.'' राज्य सरकार की तरफ से बुलाई गई बैठक के बारे में गृह सचिव ने कहा कि सतारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सहित तीन दलों और पहाड़ों के दो विकास बोर्ड ने इसमें हिस्सा लिया. उन्होंने अन्य दलों के नाम नहीं बताए.
जीजेएम और अन्य दलों के बयान के बारे में पूछने पर कि सुरक्षा बलों के हटाए जाने तक अनिश्चितकालीन बंद जारी रहेगा तो गृह सचिव ने कहा कि ''वहां सुरक्षा की स्थिति के हमारे आकलन पर यह निर्भर करता है.''
बैठक में मौजूद टीएमसी के महासचिव और राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, ''वे(जीजेएम) लोगों को संकट में डाल रहे हैं. वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? वे वार्ता की मेज पर आ सकते हैं और अपनी बात कह सकते हैं.'' सुरक्षा बलों के हटाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ''मैं पूछना चाहता हूं कि वे हिंसा कब बंद करेंगे?''
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रंगनाथ सिंहवरिष्ठ पत्रकार
Opinion