अवॉर्ड वापस कर चुके प्रकाश सिंह बादल का PM मोदी को खत, बोले- किसानों के मौजूदा संकट से हूं बेहद दुखी
केन्द्र ने इन तीनों कानूनों- 1. मूल्य उत्पादन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020, 2. आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 और 3. किसानों के उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 को कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए महत्वपूर्ण बताया. केन्द्र ने कहा कि इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसानों को कहीं भी अपने उत्पादों को बेचने की छूट मिल जाएगी.

कृषि कानूनों को लेकर राजधानी दिल्ली में 12 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों के प्रदर्शन को लेकर पद्म विभूषण अवॉर्ड वापस करने वाले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने काफी चिंता जताई है. उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है. पीएम मोदी को पत्र लिखते हुए बादल ने कहा- “किसानों के मौजूदा संकट को लेकर काफी दुखी हूं. मुझे ऐसा लगता है कि इस मुद्दे को बेहतर तरीके से सुलझाया जा सकता था, अगर सरकार ईमानदारी से फीडबैक पर ध्यान दिया होता कि वाकई में किसान सरकार के कदमों के बारे में क्या सोचते हैं.”
केरल सरकार जाएगी सुप्रीम कोर्ट
उधर, नए कृषि कानूनों पर देशभर से विरोध की आवाजें उठनी शुरू हो गई है. केरल सरकार ने इसके खिलाफ इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट रुख करने का फैसला किया है. केरल के कृषि मंत्री वी.एस. सुनील कुमार ने कहा- “हम इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. केरल में किसान विरोधी कानून को लागू नहीं होने देंगे और वैकल्पिक कानून पर विचार किया जाएगा.”
Former Punjab CM Parkash Singh Badal writes to PM Modi saying, "I'm deeply worried about ongoing farmers’ crisis. It seems to me that issue could've been dealt with better if govt had paid greater attention to honest feedback on what farmers really thought of govt’s initiatives." pic.twitter.com/YjzZzpp7iL
— ANI (@ANI) December 7, 2020
क्या है सरकार का तर्क?
दरअसल, केन्द्र ने इन तीनों कानूनों- 1. मूल्य उत्पादन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020, 2. आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 और 3. किसानों के उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 को कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए महत्वपूर्ण बताया. केन्द्र ने कहा कि इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसानों को कहीं भी अपने उत्पादों को बेचने की छूट मिल जाएगी. सरकार ने कहा कि इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा लेकिन किसानों की मांग के अनुरूप इसमें संशोधन को केन्द्र सहमत हुआ है. किसानों के साथ एक और दौर की बैठक 9 दिसंबर को होगी.
क्या है किसानों का डर?
पंजाब और हरियाणा के किसान जो 12 दिनों से दिल्ली और उसके आसपास आकर प्रदर्शन कर रहे हैं, उनकी मांग है कि केन्द्र सरकार की तरफ से लाए गए तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस ले. उन्हें नए कानूनों को ‘किसान-विरोधी’ करार दिया है. किसानों ने कहा कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो जाएगा और बड़े कॉर्पोरेट के आगे उन्हें छोड़ दिया जाएगा.
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Source: IOCL





















