उमराह करने एक साथ रवाना हुए उमर और फारूक अब्दुल्ला: जानिए हज से कितना अलग है यह
Omar Abdullah And Farooq Abdullah Umrah: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला अपने बेटे उमर अब्दुल्ला के साथ उमराह करने रवाना हुए, जिसकी तस्वीरें शेयर की गईं.
Farooq Abdullah Umrah: नेशनल कॉन्फ्रेन्स के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला 'उमराह' करने के लिए सऊदी अरब रवाना हो गए हैं. उमराह को हज का ही छोटा रूप माना जाता है. नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विमान में उड़ान के दौरान अपने पिता के साथ ली गई तस्वीर पोस्ट की.
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उमर अब्दुल्ला ने पोस्ट किया, ‘‘या अल्लाह, मैं उमराह करने का इरादा रखता हूं. इसलिए, इसे मेरे लिए आसान बनाएं और यह मुझसे स्वीकार करें.’’ दोनों नेता ‘एहराम’ में दिखे हैं.
क्या होता है उमराह?
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक हज और उमराह करते समय मुस्लिम जायरीन बिना सिले हुए कपड़े पहनते हैं, जिन्हें ‘एहराम’ कहा जाता है. सऊदी अरब के पश्चिमी हिजाज प्रांत में स्थित इस्लाम का सबसे पुराना और सबसे पवित्र स्थल मक्का दुनिया भर के मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है.
माना जाता है कि यहीं पर इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान, पैगंबर मुहम्मद के सामने प्रकट हुई थी. यहां मुस्लिम समुदाय के लोग हज करने जाते हैं. उमराह असल में हज से थोड़ी अलग है. उमराह मक्का की तीर्थयात्रा को दिया गया नाम है, जो हज का एक छोटा संस्करण है.
अरबी भाषा में "उमराह" शब्द का अर्थ है आबादी वाली जगह पर जाना. उमराह मुसलमानों को अपने विश्वास को ताजा करने, क्षमा मांगने और उनकी जरूरतों के लिए प्रार्थना करने का अवसर प्रदान करता है. ऐसा कहा जाता है कि जो इसे करता है वह अपने पापों से मुक्त हो जाता है. इस यात्रा में मुसलमान काबा के चारों ओर चक्कर लगाते हैं यानी तवाब करते हैं और जिसका तवाब पूरा हो जाता है, उसका उमराह मुकम्मल हो जाता है.
Allāhumma innī urīdu l-‘umrata fa yassirhā lī wa taqabbalhā minnī.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) January 24, 2024
O Allah, I intend to perform Umrah, so make it easy for me and accept it from me. pic.twitter.com/zW6MV9gTD9
हज से किस तरह है अलग
उमराह और हज में एक खास अंतर है. उमराह स्वैच्छिक है, लेकिन हज उन लोगों के लिए अनिवार्य है जो शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं और इसे वहन कर सकते हैं. हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और जो मुसलमान सक्षम हैं, वो इसे अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार इसे जरूर करने की कोशिश करते हैं. उमराह पूरे साल में किया जा सकता है, लेकिन हज केवल एक विशिष्ट समय इस्लामिक चंद्र कैलेंडर में आखिरी महीने 8वीं और 13वीं धुल हिजा के बीच किया जाता है.
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