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Odisha News: दूसरी जाति में शादी करने की सजा, लावारिस की तरह हुआ सुनीता का अंतिम संस्कार
Rourkela: ओडिशा (Odisha) राउरकेला की सुनीता बेहरा को इंटरकास्ट मैरिज करने की वजह से परिजनों के हाथों से अंतिम संस्कार तक भी नसीब नहीं हो पाया.
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Rourkela News: भले ही समाज बदलाव के पथ पर चल पड़ा हो, लेकिन इंटरकास्ट मैरिज (Intercaste Marriage) को लेकर लोग अभी भी सहज नहीं हो पाए हैं. ओडिशा (Odisha) के राउरकेला के सुंदरगढ़ की सुनीता बेहरा के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. उन्हें दूसरी जाति में शादी करने की कीमत में लावारिस की तरह अंतिम संस्कार का सिला मिला. बुधवार सुबह आरटीओ (RTO) ऑफिस के बाहर सुनीता मृत मिली. पोस्टमार्टम के बाद उसके शव को लेने न तो मायके वाले आए, न ससुराल वाले ऐसी स्थिति में सुनीता का अंतिम संस्कार श्मशान बंधुओं ने किया.
राउरकेला के सुंदरगढ़ की पतरापाली रहने वाली 35 साल की सुनीता को अजय महंती से प्यार हो गया. प्यार परवान चढ़ा और दोनों ने 2018 में शादी कर ली. इस शादी से दोनों के ही परिजन नाराज थे. शादी के बाद ही उसके मायके वालों ने उससे नाता तोड़ लिया. जिस घर में अपने प्यार के साथ सुखी जिंदगी के अरमान सजा कर वह गई थी. वह भी उसका अपना न हो पाया. सुनीता दलित जाति से आती थी. उसने ऊंची जाति के अजय से प्यार करने की गलती कर दी. बस इसी एक कदम की कीमत उसे दर-बदर होकर चुकानी पड़ी.हरिजन भुइयां जाति से आने वाली सुनीता ने जैसे सवर्ण जाति के दिवंगत कान्हूचरण महंती के बेटे अजय महंती से प्यार कर कोई गुनाह कर डाला हो.
ससुराल वालों ने भी निकाला
सुनीता की जिंदगी के सपनों ससुराल आने के तीन साल बाद ही टूट गए. शादी के तीन साल ससुराल में रहने के बाद साल 2021 में उसके ससुराल वालों ने भी उसका साथ छोड़ दिया और उसे घर से निकाल दिया. वह सुंदरगढ़ में अकेली रहकर दूसरे के घरों में झाडू- पोंछा का काम कर जीवन यापन कर रही थी.
प्यार की सजा लावारिस हुआ अंतिम संस्कार
सुनीता को प्यार करने की सजा के तौर पर मिली एक संघर्षपूर्ण और दुखी जिंदगी और अंतिम विदाई भी उसे परिजनों ने नहीं बल्कि लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने वाले श्मशान बंधुओं ने दी. बुधवार दोपहर पुलिस को वह सुंदरगढ़ आरटीओ कार्यालय के पास मिली थी. उसके मुंह से झाग निकल रहा था. माना जा रहा है लू लगने से उसकी मौत हुई होगी.
पुलिस ने सुनीता का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसके मायके वालों तथा ससुराल वालों को इसकी सूचना, लेकिन दोनों तरफ से कोई नहीं आया. पुलिस के जाते ही उसका पति अजय भी वहां से भाग निकला.इधर, जब पुलिस के जाने के बाद भी जब कोई उसका शव लेने नहीं आया तो स्वर्गवाहन के चालक ने श्मशान बंधुओं से संपर्क किया. उनके कोशिश से शव का अंतिम संस्कार रानीबगीचा घाट में किया गया.
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