'चेहरा दिखाओ और काम हो जाए..' क्या है आधार फेस ऑथेंटिकेशन? आसान भाषा में समझिए मतलब
आधार ऑथेंटिकेशन के नए आंकड़े आए हैं. इन आंकड़ों ने सभी चौकं दिया है. सिर्फ एक महीने में उम्मीद से ज्यादा ऑथेंटिकेशन हुए हैं.

UIDAI ने नवंबर 2025 के आधार ऑथेंटिकेशन आंकड़े जारी किए हैं. इस बार रिकॉर्ड पहले से भी बड़ा है. सिर्फ एक महीने में 231 करोड़ ऑथेंटिकेशन हुए जो पिछले साल नवंबर से 8.47% ज्यादा हैं. यह इस वित्त वर्ष का सबसे बड़ा मासिक आंकड़ा है, लेकिन इस डेटा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. AI आधारित आधार फेस ऑथेंटिकेशन जो अब लोगों का सबसे पसंदीदा तरीका बनता जा रहा है.
आधार फेस ऑथेंटिकेशन क्या है? आसान भाषा में समझिए
फेस ऑथेंटिकेशन का मतलब सीधा सा है, कि फोन के कैमरे में अपना चेहरा दिखाइए, और सिस्टम पहचान लेता है कि यह आप ही हैं. इसमें न OTP चाहिए, न उंगली का निशान, न कोई डिवाइस, न मशीन. सिर्फ कैमरा आपके चेहरे की लाइव पहचान करेगा.
AI के आधार पर चलती है सर्विस
UIDAI की यह सुविधा AI (Artificial Intelligence) पर चलती है. AI आपके चेहरे की लाइव मूवमेंट, एंगल, लाइट और फीचर्स को देखकर यह तय करती है कि यह असली चेहरा है और आधार वाले डेटा से मेल खाता है या नहीं. सरकार का कहना है कि यही कारण है कि बुजुर्गों, पेंशनरों और दूर-दराज में रहने वाले लोगों के लिए यह तरीका सबसे आसान बन गया है.
क्या हैं 2025 के आंकड़े?
नवंबर 2025 में फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए 28.29 करोड़ बार पहचान सत्यापित हुई, जबकि पिछले साल यह संख्या सिर्फ 12.04 करोड़ थी. यानी इस एक साल में फेस ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल दोगुने से भी ज्यादा बढ़ गया.
60% पेंशनरों ने कराया वेरिफिकेशन
खास बात यह कि करीब 60% पेंशनरों ने अपना डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट सिर्फ चेहरे से बनवाया. न बैंक गए, न मशीन पर उंगली रखनी पड़ी, बस मोबाइल के कैमरे में चेहरा दिखाया और काम पूरा हो गया.
आधार आधारित e-KYC के जरिए नवंबर में 47.19 करोड़ पहचान सत्यापन हुए. यह पिछले साल की तुलना में 24% ज्यादा है. बैंक, बीमा, लोन और कई डिजिटल सेवाओं में यह अब सबसे तेज पहचान का जरिया बन चुका है.
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Source: IOCL
























