नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने फिर कहा, 'भारत से आने वाले लोगों की वजह से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले'
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा है कि भारत से बिना सही तरीके से चेकिंग के लोग नेपाल आ रहे हैं. इन्हीं वजहों से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं.

नई दिल्ली: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक बार फिर देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है. ओली ने देश के नाम संदेश में कहा, ''बिना सही से चेकिंग के भारत से नेपाल में दाखिल होने की वजह से कोरोना और ज्यादा फैल रहा है. नेपाल की स्थिति दक्षिण एशिया के अन्य मुल्कों के मुकाबले फिर भी बेहतर है.''
नेपाल में कितने मामले हैं?
नेपाल में आज कोरोना वायरस के 72 नए मामले सामने आए जिससे देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 675 हो गई है. इसी के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन दो जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है. नेपाल में 24 मार्च को लॉकडाउन लागू किया गया था.
दूसरी बार है जब ओली ने नेपाल में कोरोना वायरस फैलने को लेकर भारत को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने पिछले दिनों कहा था, ‘‘भारत से आने वाला कोरोना वायरस संक्रमण चीन और इटली से अधिक घातक है.’’
Fatality in Nepal is less in comparison to other countries of South Asia. Those coming from India are coming in without proper checking which has contributed to the further spread of #COVID19: Nepal Prime Minister KP Sharma Oli pic.twitter.com/doKSZ53p5e
— ANI (@ANI) May 25, 2020
उन्होंने कहा था, ‘‘भारत से जो अवैध तरीके से आ रहे हैं वे देश में इस वायरस को फैला रहे हैं. कुछ स्थानीय प्रतिनिधि और पार्टी नेता भारत से लोगों को बिना उचित जांच के लाने के लिए जिम्मेदार हैं.’’
पिछले कुछ दिनों में नेपाल का रुख बदला हुआ देखा गया है. लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल अपना क्षेत्र बता रहा है. लिपुलेख दर्रा नेपाल और भारत के बीच विवादित सीमा, कालापानी के पास एक दूरस्थ पश्चिमी स्थान है.
भारत और नेपाल दोनों कालापानी को अपनी सीमा का अभिन्न हिस्सा बताते हैं. भारत उसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा बताता है और नेपाल इसे धारचुला जिले का हिस्सा बताता है.
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