नारदा केस: सीबीआई ने बीजेपी नेता मुकुल रॉय और टीएमसी सांसद केडी सिंह से की पूछताछ
नारदा स्टिंग मामले में जुड़ी प्राथमिकी में मुकुल रॉय आरोपी हैं. हालांकि मुकुल रॉय ने कहा कि नारदा मामले में सीबीआई ने उनसे कोई सवाल नहीं पूछा. इससे पहले उन्होंने कहा था कि वे अपनी मर्जी से सीबीआई के हेडक्वार्टर गए थे.

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नारदा स्टिंग मामले के सिलसिले में बुधवार को बीजेपी के नेता मुकुल रॉय और तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य के डी सिंह से पूछताछ की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इस स्टिंग में तृणमूल के कुछ नेता और कुछ सरकारी अधिकारी एक कंपनी के प्रतिनिधि के रूप में खुद को पेश कर रहे एक पत्रकार से कथित रूप से पैसे लेते दिख रहे हैं.
अधिकारियों के अनुसार राय यहां सीबीआई मुख्यालय पहुंचे जहां उनसे पूछताछ के लिए कोलकाता से अधिकारियों की एक टीम आयी थी. मुकुल रॉय तृणमूल छोड़ने से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विश्वासपात्र थे. नारदा स्टिंग मामले से जुड़ी प्राथमिकी में पूर्व तृणमूल नेता आरोपी हैं. उनसे सारदा चिटफंड मामले में अतीत में पूछताछ हुई थी.
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि राय से नारदा मामले में पूछताछ की गयी लेकिन इन बीजेपी नेता ने उससे अलग बात कही. उन्होंने कहा कि उन्हें सीआरपीसी की धारा 160 के तहत सारदा मामले में गवाह के तौर पर पेश होने के लिए नोटिस दिया गया था. उन्होंने कहा, ‘‘ उनके पास सारदा मामले को लेकर कुछ प्रश्न थे। मैंने उसके सारे प्रश्नों के उत्तर दिये. मैंने उनसे कहा कि जब भी उन्हें जरूरत हो, वे मुझे बुला सकते हैं।’’ मुकुल रॉय ने कि उनसे नारदा मामले में कोई सवाल नहीं किया गया.
इससे पहले संवाददाताओं से बातचीत में मुकल रॉय ने कहा था कि वह अपनी मर्जी से सीबीआई मुख्यालय गये थे. उन्होंने शाम को कहा था कि लोग शिकायतें दर्ज कराने के लिए भी तो सीबीआई के पास जाते हैं. सीबीआई ने मुकल रॉय के बारे में (मीडिया के) किसी भी सवाल का कोई आधिकारिक जवाब (प्रतिक्रिया) नहीं दिया. सीबीआई द्वारा 16 अप्रैल, 2017 को इस मामले में आरोपी नामजद किये जाने के कुछ महीने बाद वह बीजेपी में शामिल हो गये थे.
अधिकारियों के मुताबिक सीबीआई मुख्यालय में इस टीम ने इस मामले के सिलसिले में केडी सिंह से भी पूछताछ की. जब केडी सिंह से प्रतिक्रिया जानने के लिए उनके आधिकारिक नंबर पर संदेश भेजा गया तो उस पर कोई जवाब नहीं मिला. ये नंबर राज्यसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
सीबीआई को संदेह है कि केडी सिंह ने उस खोजी मैगजीन में निवेश किया था जिसने यह स्टिंग ऑपरेशन कराया था. इस स्टिंग को बाद में नारदा न्यूज के संपादक मैथ्यू सैमुअल ने विभिन्न चैनलों पर प्रसारित कराया था. सैमुअल ने यह रिकार्डिंग सीबीआई को मुहैया करायी थी. उसमें पश्चिम बंगाल सरकार के वरिष्ठ नौकरशाहों और नेताओं को कथित तौर पर पैसे लेते हुए दिखाया गया है. जांच एजेंसी ने नेताओं के इस कथित भुगतान पर सैमुअल और केडी सिंह का आमना सामना कराया.
सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के 12 शीर्ष नेताओं और एक आईपीएस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अपनी प्राथमिकी में सीबीआई ने कहा है कि उसने अधिकारियों की पहचान कर ली है जो सैमुअल द्वारा दिये गये नकद को या तो लेते हुए या उसे उसकी तरफ से किसी अन्य को सौंप देने के लिए कहते हुए नजर आते हैं. सैमुअल चेन्नई की एक कंपनी के प्रतिनिधि के रूप में उनके पास पहुंचे थे. इस सिलसिले में रिश्वत और आपराधिक कदाचार से निपटने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत कथित साजिश को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इन अपराधों के लिए अधिकतम सजा पांच से सात साल तक का कारावास है.
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Source: IOCL






















