जानलेवा लापरवाही: एक साल में 1 हजार से ज्यादा लोगों को चढ़ा दिया गया HIV+ संक्रमित खून
संक्रमित खून चढ़ाने के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. यहां से सबसे अधिक 241 मामले सामने आए हैं. पश्चिम बंगाल में 176 और दिल्ली में 172 लोगों को संक्रमित रक्त चढ़ा दिए हैं.

नई दिल्लीः एक तरफ एचआईवी फैलने से रोकने के लिए सरकार हर तरह के जरूरी कदम उठा रही है. लोगों को जागरुक करने के लिए सरकार अलग-अलग तरीके अपना रही है जिससे की इसे फैलाव को रोका जा सके. लेकिन डॉक्टरों और हॉस्पिटल कर्मियों के कारण अगर कोई व्यक्ति एचआईवी संक्रमित होता है तो उसे क्या कहा जाए.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि देश भर में करीब 1,342 लोगों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया.
संक्रमित खून चढ़ाने के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. केवल यूपी में 241 मामले सामने आए हैं. पश्चिम बंगाल में 176 और दिल्ली में 172 लोगों को संक्रमित रक्त चढ़ा दिए हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि खून के जरिए फैलने वाले एचआईवी के मामलों को साबित करना थोड़ा मुश्किल होता है. जब कोई व्यक्ति एचआईवी पॉजिटिव होता है, तो काउंसलिंग के दौरान उससे सवाल पूछे जाते हैं ऐसे में वह पीड़ित व्यक्ति ब्लड ट्रांफ्यूजन को चुनता है.
पिछले पांच साल में बता दें कि करीब 85 हजार से लेकर 1 लाख लोग सालाना एचआईवी से संक्रमित होते हैं. अगर महाराष्ट्र की बात करें तो यहां से केवल 21,000 लोग हर साल एचआईवी से संक्रमित होते हैं.
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