मराठा आंदोलन के आगे झुकी महाराष्ट्र सरकार, नवंबर तक मराठा आरक्षण देने का एलान
मुख्यमंत्री फडणवीस ने आज राज्य की जनता को टीवी पर संबोधित किया और एलान किया कि नवंबर महीने तक मराठा समाज को आरक्षण देने की राह में हर अड़चन दूर कर ली जाएगी और आरक्षण की व्यवस्था लागू हो जाएगी.

नई दिल्लीः आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समाज के आगे महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार झुक गई है. आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एलान किया कि नवंबर महीने तक मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, सरकार ने राज्य में होने वाली 72 हजार भर्तियां भी फिलहाल रोक दी है. मुख्यमंत्री फडणवीस ने आज राज्य की जनता को टीवी पर संबोधित किया और एलान किया कि नवंबर महीने तक मराठा समाज को आरक्षण देने की राह में हर अड़चन दूर कर ली जाएगी और आरक्षण की व्यवस्था लागू हो जाएगी.
फडणवीस ने मानी दोनों मांगें मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन इस खबर को लेकर तेज हो गई थी कि महाराष्ट्र सरकार जल्द ही 72 हजार भर्तियां करने वाली हैं, मांग ये थी कि मराठा समाज को भर्तियों से पहले आरक्षण का एलान किया जाए और अगर ऐसा नहीं होता है तो भर्ती की प्रक्रिया रद्द कर दी जाए. अब फड़णवीस ने ये दोनों मांगें मान ली है.
आरक्षण के पीछे का वोट बैंक मराठा आरक्षण की मांग को लेकर लगातार फडणवीस सरकार निशाने पर थी, पिछले महीने मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान जमकर हिंसा भी हुई थी, फडणवीस मराठा समाज को आरक्षण देने की बात तो लगातार कह रहे थे लेकिन मराठा समाज ये मांग कर रहा कि सरकार आरक्षण देने की समय सीमा बताए, आरक्षण को लेकर विवाद के पीछे बड़ा वोट बैंक का गणित भी है जिसे समझना जरूरी है.
महाराष्ट्र में 33 फीसदी मराठा समाज की आबादी है और मराठा समाज के करीब 90 फीसदी लोग हैं. छोटे या मूमिहीन किसानों की 288 विधानसभा की 75 सीटों पर हार-जीत तय करने में बड़ी भूमिका होती है.
साफ है चुनावी गुणाभाग में मराठा समाज की अहम भूमिका है और यही वजह है कि बीजेपी इनकी नाराजगी मोल लेने का जोखिम नहीं उठाना चाहती. अब सवाल ये है कि अगर आरक्षण के पुराने फॉर्मूले से महाराष्ट्र सरकार कोई छेड़छाड़ नहीं करने वाली है तो मराठा समाज को आरक्षण कैसे दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में अभी मराठा आरक्षण का मुद्दा चल रहा है और सुप्रीम कोर्ट ये कह चुका है कि पचास फीसदी से ज्यादा आरक्षण दिया नहीं जा सकता फिर मराठा समाज को आरक्षण सरकार देगी कैसे और अगर दे भी दिया तो क्या सुप्रीम कोर्ट इस पर मुहर लगाएगा.
Source: IOCL






















