Maharashtra Political Crisis: बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को दिया उपमुख्यमंत्री पद का ऑफर, शिवसेना विधायकों ने कही ये बात
Maharashtra Political Crisis: बीजेपी ने गुवाहाटी में शिवसेना के बागी विधायकों से मुलाकात की है. इस दौरान बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद का ऑफर दिया है.

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान को लेकर असम के गुवाहाटी (Guwahati) से बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि होटल रेडिसन ब्लू में बैठक के दौरान एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को भाजपा (BJP) ने उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) पद का ऑफर दिया है. भाजपा के साथ शिवसेना (Shiv Sena) के विधायकों की चर्चा हुई. बागी विधायकों का कहना है कि एमवीए (MVA) के साथी दल ग्रामीण इलाकों में तेजी से बढ़ रहे हैं और शिवसेना कमजोर हो रही है.
विधायकों ने कहा कि शिवसेना के कोई काम नहीं होते और अगर होते हैं तो उसका श्रेय एनसीपी और कांग्रेस ले लेते हैं. आज सुबह एकनाथ शिंदे की उद्धव ठाकरे से चर्चा हुई, लेकिन उसका निष्कर्ष कुछ नहीं निकला. शिवसेना को लेकर एनसीपी और कांग्रेस के बर्ताव के बारे में कई बार उद्धव ठाकरे को बताया गया पर उनकी तरफ से कोई कठोर जवाब नहीं आता था. उद्धव ठाकरे से मिलने को लेकर अकेले एकनाथ शिंदे निर्णय नहीं लेंगे बल्कि सारे विधायक मिलकर फैसला करेंगे.
करीब 40 विधायकों के साथ गुवाहाटी में हैं शिंदे
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी है. शिंदे शिवसेना के करीब 40 विधायकों के साथ असम के गुवाहाटी में हैं और खुद को असली शिवसेना बता रहे हैं. उन्होंने इससे पहले सीएम उद्धव ठाकरे के सामने बीजेपी के साथ सरकार बनाने की शर्त रखी. वहीं सीएम उद्धव ठाकरे ने भी आज महाराष्ट्र की जनता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार हूं. सब लोगों ने मेरा समर्थन किया, लेकिन अपने ही लोगों ने समर्थन नहीं किया. अगर एक भी सदस्य मेरे खिलाफ वोट करता है तो यह मेरे लिए शर्मनाक है.
शरद पवार ने दी शिंदे को सीएम बनाने की सलाह
संबोधन के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से मुलाकात की. इस दौरान शरद पवार ने सलाह दी कि अगर विरोध को कम करना है तो एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को सीएम बनाने का फैसला लेना चाहिए. इस बैठक के कुछ घंटे बाद ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने परिवार के साथ सरकारी आवास, वर्षा बंगला (Varsha Bungalow) खाली कर दिया और मातोश्री चले गए.
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