संभाजी भिडे का विवादित बयान, कहा- मेरे बगीचे का आम खाकर महिलाओं ने दिया बेटे को जन्म
नासिक में एक सभा को संबोधित करते हुए भिडे ने कहा था, ‘‘आम शक्तिशाली और पोषक होते हैं. मेरे बगीचे से जिन महिलाओं ने आम खाए थे उन्होंने बेटों को जन्म दिया.’’

नासिक: विवादास्पद हिंदूवादी नेता संभाजी भिडे को ‘‘आम से बेटे’’ होने की उनकी विवादित टिप्पणी के लिये कानून के उल्लंघन का दोषी पाया गया है और नासिक नगर निगम अब उनके खिलाफ अदालती कार्यवाही की तैयारी कर रहा है. एक अधिकारी ने कहा कि नासिक नगर निगम की एक सलाहकार समिति ने भिडे को गर्भधारण पूर्व और पूर्व-प्रसव नैदानिक तकनीक (लिंग चयन निषेध) अधिनियम (पीसीपीएनडीटी अधिनियम) का अपने बयान के जरिये उल्लंघन का दोषी पाया है.
भिडे ने पिछले महीने दावा किया था कि उनके बगीचे से आम खाकर कई दंपतियों को बेटे की प्राप्ति हुई. नासिक में एक सभा को संबोधित करते हुए भिडे ने कहा था, ‘‘आम शक्तिशाली और पोषक होते हैं. मेरे बगीचे से जिन महिलाओं ने आम खाए थे उन्होंने बेटों को जन्म दिया.’’ संघ के पूर्व कार्यकर्ता के इस बयान की विभिन्न हलकों में आलोचना हुई थी और अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक, पुणे ने मामले में शिकायत मिलने के बाद एनएमसी से इस मामले की जांच को कहा था.
एनएमसी के चिकित्सा अधीक्षक जे जेड कोठारी ने कहा कि इसके बाद एनएमसी के स्वास्थ्य विभाग के तहत काम करने वाली समिति ने मामले की जांच के बाद नगर आयुक्त को मामले में रिपोर्ट सौंपी. भिडे को समिति ने एक नोटिस भेजकर मामले में अपना पक्ष रखने को कहा था लेकिन वह समिति के समक्ष पेश नहीं हुए.
कोठारी ने रिपोर्ट का हवाला देते हुऐ कहा कि भिडे को पीसीपीएनडीटी अधिनियम की धारा 22 के उल्लंघन का दोषी पाया गया. उन्होंने कहा कि सलाहकार समिति ने अधिनियम के तहत स्थानीय अदालत में भिडे के खिलाफ मामला दर्ज कराने का फैसला किया है.
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