गोवा के चौथी बार सीएम बने मनोहर पर्रिकर, इन लोगों ने ली मंत्रीपद की शपथ

नई दिल्ली: गोवा में एक बार फिर मनोहर पर्रिकर की सरकार बन गयी है. आज राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने मनोहर पर्रिकर समेत मंत्री मंडल को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी. मनोहर पर्रिकर की ताजपोशी से पहले खतरे के जो बादल मंडरा रहे थे वो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से साफ हो गए. सुप्रीम कोर्ट ने शपथ ग्रहण पर रोक से इनकार करते हुए 16 तारीख को फ्लोर टेस्ट का निर्देश दिया है.
दो बार शपथ ली मनोहर पर्रिकर ने मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को दो बार शपथ लेनी पड़ी. पहली बार में मनोहर पर्रिकर ने शपथ में मंत्री शब्द कहा इसके बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपनी जगह से उठकर गए और ये बात बतायी. इसके बाद पर्रिकर ने दोबारा सीएम पद की शपथ ली.
इससे पहले कब क्या हुआ पूरी कहानी जानने के लिये यहां क्लिक करें
मनोहर पर्रिकर की कैबिनेट में कौन?
मनोहर पर्रिकर - सीएम- बीजेपी फ्रांसिस डिसूजा- बीजेपी पांडुरंग मडकैकर- बीजेपी
सुदिन ढवलिकर- एमजीपी मनोहर त्रिंबक अजगांवकर- एमजीपी
विजय सरदेसाई- जीएफपी विनोदा पलिएंकर- जीएफपी जयेष विद्याधर सालगांवकर- जीपीएफ
गोविंद गौड़े- निर्दलीय रोहन खाउंटे- निर्दलीय
क्या है गोवा का पूरा मामला? कांग्रेस ने गोवा में बन रही बीजेपी सरकार के खिलाफ याचिका दाखिल की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में 16 मार्च को बहुमत परिक्षण कराने का आदेश दिया है. लेकिन कोर्ट ने मनोहर पर्रिकर के शपथ ग्रहण पर कोई रोक नहीं लगाई है. पर्रिकर का शपथ ग्रहण आज शाम 5 बजे ही होगा.
सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने कांग्रेस का पक्ष रखा. सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पहले राज्य में बहुमत परीक्षण कराया जाए और उसके बाद मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार को 16 मार्च को विधानसभा सत्र के पहले दिन बहुमत साबित करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस से पूछे ये अहम सवाल
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस से कई अहम सवाल पूछे हैं. जस्टिस जेएस खेहर ने पूछा है कि अगर कांग्रेस के पास संख्या है तो वह राज्यपाल के पास क्यों नहीं गए ? कांग्रेस की याचिका पर चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्या आपने समर्थक विधायकों की लिस्ट राज्यपाल को सौंपी थी ? सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस से पूछा कि क्या आपके पास नंबर हैं, आप ये कैसे कह सकते है कि पर्रिकर ने खरीद फरोख्त के जरिए बहुमत हासिल किया ?
कांग्रेस की याचिका पर चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्या आपने समर्थक विधायकों की लिस्ट राज्यपाल को सौंपी थी. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या कांग्रेस ने बीजेपी से पहले राज्यपाल को सरकार बनाने का देवा पेश किया था ?
कांग्रेस ने क्या जवाब दिया-
सवाल- आपने बहुमत की चिट्ठी क्यों नहीं दी ?
जवाब- राज्यपाल को बात करनी चाहिए थी.
सुप्रीम कोर्ट- ब़ड़ी पार्टी को न्योता बहुमत पर होता है
कांग्रेस पक्ष- राज्यपाल का फैसला गलत है.
सवाल- बहुमत है तो धरना क्यों नहीं दिया
जवाब- बहुमत है आज ही साबित कर देंगे.
बीजेपी ने की लोकतंत्र की हत्या- कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस के गोवा प्रभारी दिग्विजय सिंह का कहना है कि वो राज्यपाल से न्योते के लिए इंतजार करते रहे और बीजेपी ने दावा पेश कर दिया. वहीं इस मुद्दे पर विपक्ष ने लोकसभा से वॉकआउट किया. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि बीजेपी ने लोकतंत्र की हत्या की है. इस पर केंद्रीय मंत्री अऩंत कुमार ने कहा है कि पहले भी ऐसा हुआ है कि राज्यपाल ने बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े जुटाने वाली पार्टी को सरकार बनाने का न्योता दिया है. वरिष्ठ वकील के टी एस तुलसी का कहना है कि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है इसलिए उसी को सरकार बनाने के लिए बुलाना चाहिए था.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















