नोटबंदी पर भारी हंगामे के बाद राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक स्थगित
नई दिल्ली: नोटबंदी के मुद्दे पर राज्यसभा में आज भी गतिरोध बना रहा और दोनों पक्षों के हंगामे के कारण सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
विपक्ष ने दावा किया कि नोटबंदी के कारण देश भर में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. विपक्ष का आरोप था कि सरकार उन्हें सदन में श्रद्धांजलि देने को तैयार नहीं है, वहीं सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर राजनीति करने और नोटबंदी मुद्दे पर सदन में अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाने की मांग की.
LIVE UPDATE:
- नोटबंदी पर भारी हंगामे के बाद राज्यसभा दोपहर पहले 12 बजे तक और फिर दो बजे तक कार्यवाही स्थगित
- वेंकैया नायडू ने कहा कि नोटबंदी का फैसला ऐतिहासिक है
- वेंकैया नायडू ने कहा कि विपक्ष को जो बोलनाा है कि वो नोटबंदी पर बोले
- विपक्ष कालेधन के पक्ष में है- वेंकैया नायडू
- नोटबंदी पर विपक्षा राज्यसभा में भारी हंगामा कर रहा है
सुबह, सदन की कार्यवाही शुरू पर तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने नोटबंदी का मुद्दा उठाया और कहा कि इस फैसले को आज एक महीना हो गया. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है. उन्होंने मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दिए जाने की मांग की.
'सदन में चर्चा पूरी हो'
राय अपनी बात पूरी कर पाते, इसके पहले ही सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने इस पर आपत्ति जताई और सभापति हामिद अंसारी से कहा कि यह पूरी तरह से राजनीति है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी मुद्दे पर सदन में चर्चा पूरी हो और आठ नवंबर का दिन ऐतिहासिक दिन है. उल्लेखनीय है कि उसी प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के बारे में घोषणा की थी.
नायडू ने कहा कि विपक्ष लगागार सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहा है.
इस बीच, विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने बोलने की अनुमति मांगी. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जतायी.
सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि सदन की यह परंपरा रही है कि जब सदन के नेता या विपक्ष के नेता बोलना चाहें तो उन्हें बोलने का मौका दिया जाता है. उन्होंने कहा कि मंत्रियों को उत्तेजित नहीं होना चाहिए और उन्होंने आजाद को बोलने की अनुमति दी है.
100 ज्यादा मरे
नायडू ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से विपक्ष के नेता का संस्थान के तौर पर काफी सम्मान करते हैं लेकिन उनकी आपत्ति इस बात को लेकर है कि विपक्षी सदस्य अपनी बात कह लेने के बाद आसन के समक्ष आकर हंगामा शुरू कर देते हैं और सरकार को अपनी बात कहने का मौका नहीं देते. आजाद ने कहा कि नोटबंदी के बाद पिछले एक महीने में देश भर में 100 से ज्यादा किसानों, युवाओं और वृद्धों की जान चली गई है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सदन उन लोगों को श्रद्धांजलि दे लेकिन सरकार ने ऐसा करने से इंकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि इसलिए आज विपक्ष की 16 पार्टियों के करीब 150 सांसदों ने संसद भवन परिसर में गांधी जी की प्रतिमा के सामने काला दिवस मनाया.
भाजपा सदस्यों की नारेबाजी के बीच आजाद ने कहा कि सरकार के लिए यह शर्म की बात है कि उसने सदन में उन लोगों को श्रद्धांजलि नहीं देने दी. उन्होंने कहा कि सरकार को शर्म करनी चाहिए, बेशर्मी की भी हद होती है.
सदन के नेता और वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अपनी बात रखने की कोशिश की लेकिन नारेबाजी के कारण वह अपनी बात नहीं कह सके.
इस बीच, माकपा के सीताराम येचुरी भी कुछ कहते दिखे जो हंगामे के चलते सुना नहीं जा सका.
हंगामे के बीच, संसदीय कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि लोग कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन भ्रष्टाचारी और काला धन रखने वाले बच नहीं पाएंगे.
हंगामे के बीच, बसपा की मायावती ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से देश की 90 फीसदी जनता परेशान है.
कार्यवाही स्थगित
सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के सदस्य अपने स्थानों से आगे आकर नारेबाजी करते रहे. अंसारी ने उनसे शांति बनाए रखने की अपील की. लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा और सभापति ने 11 बजकर करीब 20 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में वही नजारा दिखा. सदन में हंगामा जारी रहा और उन्होंने 12 बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
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