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आडवाणी ने बीजेपी को कैसे दिखाया हिंदुत्व का वो रास्ता जो PM मोदी के लिए बना विजय पथ?

LK Advani On Bharat Ratna: अयोध्‍या के राम मंद‍िर आंदोलन के पुरोधा रहे बीजेपी के वर‍िष्‍ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्‍ण आडवाणी को भारत सरकार 'भारत रत्‍न' से सम्‍मान‍ित करेगी.

LK Advani Bharat Ratna: बीजेपी के द‍िग्‍गज नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को मोदी सरकार 'भारत रत्‍न' से सम्‍मान‍ित करेगी. बीजेपी को मजबूती प्रदान करने में आडवाणी की भूमिका अहम मानी जाती है. एक समय आडवाणी ने बीजेपी को हिंदुत्व का वो रास्ता दिखाया जो नरेंद्र मोदी के लिए विजय पथ बना, आइए जानते हैं कि कैसे?

इंड‍ियन एक्‍सप्रेस की र‍िपोर्ट के मुताब‍िक, बीजेपी के शुरुआती दौर की बात करें तो 1984 में बीजेपी को लोकसभा में सिर्फ 2 सीटें म‍िली थीं. इसके करीब 2 साल बाद बीजेपी ने 1986 में लाल कृष्‍ण आडवाणी को पार्टी का राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बनाया था और राष्‍ट्रीय महासच‍िव के रूप में उनकी टीम का ह‍िस्‍सा मुरली मनोहर जोशी बने थे.

आरएसएस कार्यकर्ता जोशी फ‍िजि‍क्‍स के लेक्‍चरर भी थे. उस वक्‍त बीजेपी के इन नेताओं ने अयोध्‍या में व‍िहिप की राम मंद‍िर की मांग का समर्थन क‍िया था. इसके बाद बीजेपी की राजनीत‍िक जमीन मजबूत होती चली गई.

1989 में बीजेपी ने किया राम मंदिर की मांग का औपचारिक समर्थन 

बीजेपी ने जून 1989 में अपने पालमपुर सत्र में विहिप की राम मंदिर की मांग का औपचारिक रूप से समर्थन क‍िया था, ज‍िससे पार्टी के कद्दावर नेता जसवंत सिंह नाराज हो गए थे. इस समर्थन के बाद बीजेपी की व‍िचारधारा और राजनीत‍ि में एक बड़ा बदलाव आया. गांधीवादी समाजवाद की व‍िचारधारा से यह हिंदुत्व की ओर मुड़ गई. इसके बाद कई बड़े राजनीत‍िक घटनाक्रम होते चले गए. 

प्रधान मंत्री वीपी सिंह ने 7 अगस्त, 1990 को घोषणा की थी क‍ि वो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को र‍िजर्वेशन देने के ल‍िए मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करेंगे. इस फैसले को लेकर बीजेपी को डर सता रहा था क‍ि इससे ह‍िंदू एकता को नुकसान हो सकता है जोक‍ि राम जन्‍मभूम‍ि आंदोलन के ल‍िए धीरे-धीरे तैयार क‍िया जा रहा था.

मंडल कमीशन की घोषणा के बाद आरएएस की तरफ से अयोध्‍या में राम मंद‍िर उद्घाटन के ल‍िए वीएचपी के कार्यक्रम का समर्थन जुटाने को 26 अगस्‍त, 1990 को मीट‍िंग बुलाई गई. इसमें लाल कृष्‍ण आडवाणी की कार्य क्षमता को पहचाना गया. इसके ल‍िए समर्थन जुटाने को 25 सितंबर, 1990 को सोमनाथ से अयोध्‍या तक रथ यात्रा शुरू की गई. इसके बाद देश में भव्‍य राम मंद‍िर न‍िर्माण की मांग तेज हो गई. मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात यात्रा के आयोजन में मदद की थी. 

राम मंद‍िर आंदोलन की योजना पर पहली बार हुई थी 1980 में बैठक

रिपोर्ट में आर्गेनाइजर के पूर्व संपादक शेषाद्रि चारी के हवाले से कहा गया है कि यह गलतफहमी है क‍ि राम मंद‍िर आंदोलन की यात्रा योजना मंडल आयोग कमीशन की स‍िफार‍िशों की प्रत‍िक्र‍िया थी. राम मंद‍िर आंदोलन की योजना बनाने के ल‍िए आरएसएस की ओर से साल 1980 में पहली बैठक की गई थी. इस आंदोलन के पीछे की रणनीत‍ि बनाने में मोरोपंत पिंगले की सोच रही. गंगा माता यात्रा और ईंट रखने जैसे आयोजन हुए. ज‍िसके चलते एलके आडवाणी की रथ यात्रा इस कड़ी में शायद चौथा इवेंट था. 

रथ यात्रा से राष्‍ट्रीय राजनीत‍ि के केंद्र में आए थे एलके आडवाणी 

रथ यात्रा को आम लोगों का जबरदस्त रिस्पांस म‍िला. कई जगहों पर दंगे भी भड़क गए थे. इससे एलके आडवाणी राष्‍ट्रीय राजनीत‍ि के पूरी तरह से केंद्र में आ गए थे. इस सब घटनाक्रम के चलते बीजेपी ने फैसला ल‍िया क‍ि अगर आडवाणी ग‍िरफ्तार हुए तो वो वीपी स‍िंह सरकार से समर्थन वापस ले लेगी, लेकिन हुआ वही ज‍िसका बीजेपी को डर था.

ब‍िहार के समस्‍तीपुर में 22 अक्‍टूबर, 1990 को आडवाणी को ग‍िरफ्तार कर ल‍िया गया. उस समय ब‍िहार में लालू प्रसाद यादव की सरकार थी. उस वक्‍त उनको दुमका (अब झारखंड में है) स्‍थ‍ित गेस्‍ट हाउस ले जाया गया था. इसके बाद बीजेपी ने वीपी स‍िंह सरकार ने समर्थन वापस ले ल‍िया और केंद्र की सरकार ग‍िर गई.

इस दौरान प्रस्‍ताव‍ित 30 अक्टूबर की तारीख को अयोध्या में कार सेवकों (हिंदुत्व स्वयंसेवकों) को मस्जिद पर हमला करने से रोकने के लिए पुलिस ने गोलीबारी की थी. उस वक्‍त उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह यादव थे.

लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने क‍िया बेहतर प्रदर्शन 

इसके बाद बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष की कमान फरवरी 1991 में आडवाणी के दो कार्यकाल पूरे होने के बाद मुरली मनोहर जोशी को सौंपी गई. लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बेहतर प्रदर्शन क‍िया. उसकी लोकसभा सीटें 85 से बढ़कर 120 हो गईं और वोट शेयर 11 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी दर्ज हुआ, लेकि‍न 3 फेज में संपन्‍न होने वाले चुनाव के पहले फेज के पूरे होने के बाद राजीव गांधी की हत्या से कांग्रेस को सहानुभूत‍ि म‍िली और पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्‍व में देश की अल्पमत सरकार गठ‍ित हुई.  

बीजेपी ने 1991 में द‍िया था 'मंदिर यहीं बनाएंगे' का नारा  

लेखक विनय ने सीतापति अपनी पुस्तक 'जुगलबंदी' में ल‍िखा था, बीजेपी चीफ जोशी ने अपने बेहद करीबी कल्याण सिंह को जून 1991 में यूपी का सीएम बनाया. इसके तुरंत बाद, यूपी के नए मुख्‍यमंत्री और बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष एमएम जोशी ने 'मंदिर यहीं बनाएंगे' के नारों के बीच अयोध्या का दौरा किया था. कल्‍याण सिंह के नेतृत्‍व वाली बीजेपी की राज्‍य सरकार ने बाबरी मस्जिद के आसपास की 2.77 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया और इसको व‍िश्‍व ह‍िंदू पर‍िषद (वीएचपी) को सौंप दिया था. इसके बाद एक के बाद एक घटनाक्रम होते गए जोक‍ि 6 द‍िसंबर, 1992 को बाबरी व‍िध्‍वंस की घटना तक होते चले गए.  

बीजेपी ने अटल ब‍िहारी वाजपेयी पर जताया ज्‍यादा भरोसा 

आडवाणी की बातों को शेषाद्रि चारी ने याद करते हुए कहा, "मैं चाहता था कि जीर्ण शीर्ण ढांचा हट जाए लेकिन इस तरह से नहीं.'' इस सबके बाद बीजेपी के वर‍िष्‍ठ नेता आडवाणी की वजह से पार्टी का जनाधार बढ़ा लेक‍िन उनका कार्यकाल बेहद कम रहा. बीजेपी ने अपने उदार चेहरे अटल ब‍िहारी वाजपेयी पर ज्‍यादा भरोसा जताया. वाजपेयी की 1998 से 2004 के दौरान बीजेपी गठबंधन को एकजुट करने में अहम भूम‍िका देखी गई.  

यह भी पढ़ें: 'भारत रत्न' के ऐलान पर सामने आया लालकृष्ण आडवाणी का पहला रिएक्शन, जानें क्या कहा

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