2672 करोड़ के बैंक घोटाले में बड़ा फैसला, ED की जब्त प्रॉपर्टी पर PMLA कोर्ट ने दिया ये आदेश
कंपनी के प्रमोटरों ने भारत और विदेशों में कई कंपनियां बनाई थी. दुबई, सिंगापुर और हांगकांग में बनी इन कंपनियों के जरिए सोना, बुलियन और ज्वेलरी का राउंड-ट्रिपिंग कारोबार किया गया.

कोलकाता की PMLA कोर्ट ने श्री गणेश ज्वेलरी हाउस इंडिया लिमिटेड से जुड़े बड़े बैंक फ्रॉड मामले में अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने ED की तरफ से जब्त की गई करीब 175 करोड़ रुपये की संपत्तियों को बैंकों को वापस लौटाने का आदेश दिया है. ये आदेश 10 दिसंबर 2025 को दिया गया था.
ईडी की जांच में क्या खुलासा हुआ था?
ED की जांच में सामने आया था कि श्री गणेश ज्वेलरी हाउस और उसके प्रमोटर-डायरेक्टर नीलेश पारेख, उमेश पारेख, कमलेश पारेख समेत अन्य लोगों ने 25 बैंकों के समूह को करीब 2672 करोड़ रुपये का चूना लगाया. आरोप है कि कंपनी ने फर्जी बैंकिंग लेन-देन और लोन के पैसों को गलत तरीके से इस्तेमाल किया.
प्रमोटर्स ने भारत-विदेशों में कई कंपनियां बनाई थी?
जांच में ये भी खुलासा हुआ कि कंपनी के प्रमोटरों ने भारत और विदेशों में कई कंपनियां बनाई थी. दुबई, सिंगापुर और हांगकांग में बनी इन कंपनियों के जरिए सोना, बुलियन और ज्वेलरी का राउंड-ट्रिपिंग कारोबार किया गया. कोलकाता के मणिकंचन इलाके में बनी ज्वेलरी को कागजों में विदेश भेजा दिखाया गया, लेकिन उसका पैसा भारत वापस नहीं लाया गया. इसके बावजूद भारतीय बैंकों से एक्सपोर्ट बिल डिस्काउंटिंग के जरिए पैसे ले लिए गए, जिससे बैंकों को भारी नुकसान हुआ.
ईडी ने करोड़ों की संपत्ति को जब्त किया था
ED ने इस मामले में PMLA के तहत कार्रवाई करते हुए पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात और तेलंगाना में स्थित करीब 193 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थी. बाद में जनहित और बैंकों का पैसा वापस दिलाने के मकसद से ED ने कंपनी के लिक्विडेटर के साथ कई बैठकें की. इसके बाद लिक्विडेटर ने कोर्ट में संपत्तियां बैंकों को लौटाने की अर्जी लगाई, जिसे ED ने सहमति दी.
कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बैंकों को अपनी वैध रकम वापस पाने का पूरा हक है. साथ ही ये भी साफ किया कि अगर कोई अतिरिक्त रकम बचती है तो उसे PMLA के तहत तय अथॉरिटी के पास जमा कराया जाएगा. ये फैसला सरकारी बैंकों का पैसा वापस दिलाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.
Source: IOCL






















