वायरल सच: क्या पद्मावती की रिलीज़ के लिए ऑनलाइन पोल करवाया जा रहा है?
पद्मावती में दीपिका पीदुकोण रानी पद्मावती की भूमिका निभा रही हैं. वहीं राणारत्न सिंह के किरदार में शाहिद कपूर और अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका में रनवीर सिंह नजर आएंगे. पद्मावती के निर्देशक संजयलीला भंसाली हैं.

नई दिल्ली: एक दिंसबर को फिल्म 'पद्मावती' देश भर में रिलीज होनी थी लेकिन राजपूत करणी सेना के विरोध और बढ़ते विवादों के चलते फिल्म रिलीज नहीं हो पाई. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि फिल्म रिलीज होगी या बैन इसका फैसला कोर्ट ने आम जनता को सौंप दिया है. सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर ऑनलाइन वोटिंग चल रही है और दावा है कि इसी वोटिंग के नतीजे पर फिल्म का भविष्य तय होगा.
सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में लिखा है, ''पद्मावती फिल्म के लिए वोटिंग चल रही है. कोर्ट ने ये फैसला पब्लिक पर छोड़ दिया है, अब ये आप पर निर्भर करता है कि आप किन्हें वोट देंगे, अगर आप हिन्दू हैं तो लिंक पर जाकर पद्मावती फिल्म पर रोक लगाने के लिए वोट करें.'' इसके साथ ही एक लिंक भी दिया गया है. वायरल मैसेज की माने तो ये वोटिंग कोर्ट की तरफ से करवाई जा रही है.
क्या है वायरल दावे का सच? एबीपी न्यूज़ ने वायरल मैसेज की सच्चाई जानने के लिए सायबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल से बात की. पवन दुग्गल ने कहा, ''ये सरकारी लिंक बिल्कुल नहीं है एक प्राइवेट व्यक्ति ने ये लिंक बनाया है. मैसेज में दावा है कि अदालत ने वोटिंग के लिए कहा है अदालत कभी भी इस तरह के प्रकरण में नहीं जाती है.''
कौन करवा रहा है पोलिंग ? सायबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया, ''registry.in की वेबसाइट है जो नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया चलाती है. इस पर जो भी.in डोमेन नेम रेजिस्टर करता है उसका पता लगाया जा सकता है. जिसने भी इसको बनाया है उसका नाम, पता और फोन नंबर यहां मिल जाएगा.''
registry.in पर वायरल लिंक को डालने पर पता चला वोटिंग करवाने के लिए वेबसाइट बनाने वाले कोमल वैष्णव हैं जिनका पता जयपुर का कृष्णा नगर यहां रजिस्टर्ड है. इसके साथ ही पड़ताल में ये भी सामने आया कि ये वेबसाइट 20 नवंबर 2017 को बनाई गई है.
इस वेबसाइट बनाने वाले का मकसद क्या हो सकता है? पवन दुग्गल ने बताया, ''आजकल लोग वेबसाइट पर ज्यादा से ज्यादा इंटरनेट ट्रैफिक चाहते हैं. ताकि उस वेबसाइट पर जो गूगल एड दिख रही हैं उनपर क्लिक करें. जैसे ही किसी वेबसाइट पर जाते हैं और वहां किसी चीज पर क्लिक करते हैं तो वेबसाइट बनाने वाले को पैसे मिलते हैं.''
पवन दुग्गल ने बताया, ''इस वेबसाइट के आंकड़ो के बारे में कोई पारदर्शिता नहीं है. यहां तक की इस वोटिंग में ये भी पता नहीं चलता कि कितने लोगों ने वोट किया है और किस आधार पर ये प्रतिशत गिना जा रहा है. चूंकि पद्मावती फिल्म चर्चा में है इसलिए उसके जरिए पैसा कमाने का एक माध्यम है.''
हमारी पड़ताल में पद्मावती फिल्म के लिए ऑनलाइन वोटिंग का दावा झूठा साबित हुआ है.
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