सरकार ने किसानों की मांगे मानी, पुलिसिया कार्रवाई पर राहुल बोले- मोदी राज में किसान प्रदर्शन भी नहीं कर सकते
किसान आंदोलन और उनकी मांगों को लेकर केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह और किसान नेताओं के बीच बातचीत हुई. ज्यादातर मांगों पर सहमति बन गई है.

नई दिल्ली: अपनी मांगों को लेकर आज से नौ दिन पहले हरिद्वार से दिल्ली की तरफ कूच करने वाले किसानों का हुजूम राजधानी दिल्ली के बॉर्डर गाजीपुर में रुका है. दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे किसानों और पुलिस के बीच दोपहर 12 बजे भारी संघर्ष देखने को मिला. किसान अपनी मांगे मनवाने के लिए राजघाट तक जाना चाहते थे. लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें रोक दिया. इस दौरान पुलिस ने किसानों पर पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले छोड़े. इस घटना में कई किसान जख्मी हो गए. भारी बवाल और हंगामे के बाद किसानों का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर जाकर मिला. जानिए इस मामले से जुड़ी 10 खास बातें-
1. बैठक के बाद किसान नेताओं और उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि मांगों पर सहमति बनी है. किसानों के पास जाकर इसकी घोषणा की जाएगी. किसान आंदोलन में शामिल पंजाब के बड़े किसान नेता हरेंद्र सिंह लखोवाल ने कहा कि सरकार ने 9 में से 7 मांगे मान ली है. सरकार ने कहा है कि एमएसपी के दाम पर खरीद के लिए कानून बनेगा. स्वामीनाथन आयोग को लेकर भी सरकार सहमत है. बीमा पर सहमति बनी है, इसमें बदलाव होगा. कर्ज माफी पर सहमति नहीं बनी है.
2. सूत्रों के मुताबिक, किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पुलिस ने आक्रामक कार्रवाई नहीं की है. वहीं किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई गलत है. हम आंदोलन और पुलिसिया कार्रवाई पर नेताओं के साथ बैठक के बाद फैसला लेंगे.
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3. किसानों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, सीपीआईएम, सेतकारी संगठन और जनता दल यूनाइटेड ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस ने मोदी सरकार की तुलना ब्रिटिश राज से की. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ''विश्व अहिंसा दिवस पर बीजेपी का दो-वर्षीय गांधी जयंती समारोह शांतिपूर्वक दिल्ली आ रहे किसानों की बर्बर पिटाई से शुरू हुआ. अब किसान देश की राजधानी आकर अपना दर्द भी नहीं सुना सकते!''
4. हरिद्वार से दिल्ली के लिए निकली किसान क्रांति यात्रा को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की सीमा पर कथित तौर पर बल प्रयोग किए जाने को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘दिल्ली सल्तनत के बादशाह’ की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘मोदी जी, सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा कर हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर आपके द्वार आए. अगर महात्मा गांधी के विचारों को आत्मसात किया होता तो किसानों को बर्बरतापूर्वक लाठियां नहीं, उनकी मांगों की सौगात दी होती. वह समय दूर नहीं जब पूरा देश ‘किसान विरोधी-नरेंद्र मोदी’ के नारों से गूंजेगा.’’
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5. बीजेपी की अहम सहयोगी नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भी पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की. केसी त्यागी ने कहा, ''राजघाट जा रहे निहत्थे किसानों से बुरी तरह बर्ताव किया गया. उन पर लाठीचार्ज किया गया, निशाना लगाकर आंसूगैस के गोले चलाए गए. हम इसकी निंदा करते हैं.''
6. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से क्यों रोका जा रहा है. यह गलत है. दिल्ली सबकी है. उन्हें दिल्ली में आने देना चाहिए. हम उनकी मांगों का समर्थन करते हैं.'' वहीं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ''बीजेपी की सरकार ने किसानों से जो वायदे किये उसे पूरा नहीं किया. यही वजह है कि ये सब हो रहा है. हम किसानों का समर्थन करते हैं.''
7. स्वाभिमानी सेतकारी संगठन नेता आर शेट्टी ने पुलिस की कार्रवाई पर कहा, ''किसान आतंकी और नक्सली नहीं है. वो अपनी मांगों को लेकर दिल्ली आए थे. शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने मंदसौर में किसानों की हत्या की थी वो चुनाव में हारेगी. अगर अन्याय होगा तो मोदी दिल्ली में हारेंगे.''
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8. किसान आंदोलन और मांगों को लेकर कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, ''गृहमंत्री राजनाथ सिंह और किसान नेताओं के बीच बातचीत हुई है. ज्यादातर मांगों पर सहमति बन गई है. किसान नेता, उत्तर प्रदेश के मंत्री लक्ष्मी नारायण, सुरेश राणा और मैं किसानों से जाकर मुलाकात करूंगा. उन्हें मांग पूरी किए जाने के बारे में बताई जाएगी.''
9. पूर्ण कर्जमाफी और बिजली की दरों में कमी सहित दूसरी मांगों को लेकर 'किसान क्रांति यात्रा' के बैनर तले हरिद्वार में 9 दिनों पहले किसानों ने यात्रा शुरू की थी. प्रदर्शनकारी मंगलवार को उत्तर प्रदेश - दिल्ली की सीमा पर पहुंच गए.
10. हरिद्वार से भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के हजारों सदस्यों के मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की कोशिश के मद्देनजर शहर की पुलिस ने कानून और व्यवस्था की समस्या उठने की आशंका की वजह से सोमवार को ही पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में निषेधाज्ञा आदेश लागू कर दी थी. पुलिस उपायुक्त (पूर्व) पंकज सिंह ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत पूर्वी दिल्ली में निषेधाज्ञा लागू कर दी जो आठ अक्टूबर तक जारी रहेगी.
Source: IOCL






















