एक्सप्लोरर

कनाडा में खालिस्तानियों का इतिहास: पोखरण परमाणु परीक्षण, ट्रूडो के पिता का गुस्सा, ऑपरेशन ब्लूस्टार और राजनीतिक शरण का सिलसिला

1980-90 में खालिस्तान आंदोलन चरम पर था और 1985 में एक दर्दनाक घटना हुई, जिसनें सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया. एयर इंडिया की फ्लाईट पर हमला किया गया था, जिसमें सभी 329 यात्री मारे गए थे.

शीर्ष राजनयिकों के निष्कासन ने भारत और कनाडा के रिश्तों में और खटास पैदा कर दी है. सोमवार (18 सितंबर) को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाते हुए वहां देश की शीर्ष राजनयिक पवन कुमार राय को निष्कासित करने का आदेश दे दिया. भारत ने भी तुरंत इस पर प्रतिक्रिया दी. कनाडा के आरोपों का खंडन किया और कनाडाई उच्चायुक्त को तलब कर अपनी आपत्ति जताई. साथ ही टॉप डिप्लोमैट को देश छोड़ने का फरमान सुना दिया. 

सिख अलगाववाद और खालिस्तान आंदोलन के कारण भारत और कनाडा के रिश्ते निचले स्तर पर हैं. 1980 में पंजाब राज्य से शुरू हुआ खालिस्तान आंदोलन आज मीलों दूर कनाडा में पैर पसार चुका है. 1970 के दशक में कनाडा में बड़ी भारतीय आबादी थी, जिनमें खासतौर से सिख समुदाय है. इसी दौरान यहां राजस्थान के पोखरण में हुए न्यूक्लियर परीक्षण से तत्कालीन पीएम और जस्टिन ट्रूडो के पिता पिएरे ट्रूडो की नाराजगी और खालिस्तान समर्थकों की राजनीतिक शरण ने कनाडा में खालिस्तान आंदोलन की शुरुआत माना जाता है.

ब्रिटिश काल से जुड़ी हैं खालिस्तान के मांग की जड़ें
खालिस्तान बनाने की मांग की जड़ें ब्रिटिश काल की औपनिवेशक नीतियों से जुड़ी हैं. ब्रिटिश राज के खिलाफ आवाज उठाने वाले हिंदुओं को खत्म करने के लिए अंग्रेजों ने बड़ी संख्या में सिखों को सेना में भर्ती किया था. फिर जब 1947 में देश आजाद हुआ तो पंजाब और केंद्र सरकार के बीच तनाव उजागर हुआ, जिसने कई सिखों के दिल में सरकार के खिलाफ रंजिश पैदा कर दी. 

20वीं सदीं से कनाडा शिफ्ट होने लगे सिख
20वीं सदी में सिखों ने कनाडा का रुख किया और धीरे-धीरे उधर शिफ्ट होने लगे. ब्रिटिश कोलंबिया से गुजरते हुए सेना के जवान कनाडा की उपजाऊ जमीन की ओर काफी आकर्षित थे. 1970 तक सिखों की बड़ी आबादी कनाडा में बस गई. जैसे-जैसे सिखों की संख्या बढ़ने लगी खालिस्तान आंदोलन के बीज भी यहां पनपने लगे. 1974 में भारत ने राजस्थान के पोखरण में न्यूक्लियर परीक्षण किया था,. इस पर कनाडा के पूर्व पीएम पियरे ट्रूडो ने काफी नाराजगी जताई थी क्योंकि शांतिपूर्ण न्यूक्लियर एनर्जी के लिए दिए गए CANDU टाइप रिएक्टर का सैन्य इस्तेमाल किया गया. उनके गुस्से के कारण भारत के साथ कनाडा के रिश्ते खराब हो गए. इस दौरान, भारत में खालिस्तान आंदोलन चल रहा था और सिखों ने कनाडा में शरण लेनी शुरू की और राजनीतिक शरणार्थियों का दर्जा मांगा. इस तरह कनाडा में खालिस्तानियों का प्रवेश हुआ और भारत के साथ खराब रिश्तों के कारण कनाडा ने खालिस्तान अलगाववाद को रोकने के लिए कुछ नहीं किया. 1980 से 1990 के दौरान, खालिस्तान आंदोलन भारत में पीक पर था और बमबारी, हत्याएं, किडनैपिंग, लक्षित हत्या और नागरिकों के नरसंहार की घटनाएं देखने को मिलीं, जो सबसे ज्यादा पंजाब में देखी गईं.

1985 में खालिस्तान आंदोलन को मिला अंतरराष्ट्रीय आयाम
1985 में एयर इंडिया की फ्लाइट पर हमले की दर्दनाक घटना हुई. ये हमला कनाडा में खालिस्तान अलगाववादी ने एयर इंडिाया फ्लाईट कनिष्क पर किया था, जिसमें विमान में मौजूद सभी 329 लोग मारे गए थे. यह फ्लाईट टोरंटो से नई दिल्ली जा रही थी. मरने वालों में 82 बच्चे भी शामिल थे. कनाडा के इतिहास में यह सबसे दर्दनाक हमलों में शामिल है.

जस्टिन ट्रूडो की पार्टी को कई खालिस्तान समर्थक समूहों का समर्थन
1990 के आखिर तक जहां भारत में खालिस्तान आंदोलन अपने अंतिम चरण के करीब था, वहीं कनाडा में तेजी से बढ़ रहा था. साल 2015 में जस्टिन ट्रूडो के सत्ता में आने के बाद खालिस्तान की मांग फिर से तेज होने लगी है और आए दिन खालिस्तान समर्थक इस मांग को लेकर प्रदर्शन भी करते रहते हैं. कई खालिस्तान समर्थक समूह भी ट्रूडो की लिबरल पार्टी का समर्थन करते हैं. भारत कनाडा पर खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ निष्क्रियता का बार-बार आरोप लगाता रहा है, जिसे कनाडाई-सिख समुदाय को लुभाने की काडा सरकार की कोशिश के तौर पर देखा जाता है. साल 2015 में जस्टिन ट्रडो के प्रधानमंत्री बनने के बाद इसमें ज्यादा तेजी देखी गई है. 

यह भी पढ़ें:
2014 से 2022 तक मिले सबसे ज्यादा महिला वोट, क्या नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल के जरिए बीजेपी ने चल दिया मास्टरस्ट्रोक?

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Muslim OBC Reservation: आरक्षण पर घमासान..मोदी-योगी और मुसलमान | CM Yogi | Loksabha Election 2024Crime News: सोनीपत में ट्रिपल मर्डर का 'शैतान' !, भाई, भाभी और भतीजे का मर्डर | सनसनीशकील पर सस्पेंस...कौन था वो हिटमैन ?, सोशल मीडिया के दावों की पड़ताल | ABP NewsSwati Maliwal Case: मालीवाल केस में चश्मदीद और नार्को टेस्ट, Kejriwal के ड्राइंग रूम में क्या हुआ ?

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Lok Sabha Elections 2024: सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
The Family Man 3 OTT Updates: 'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
Embed widget