मोदी सरकार ने सिर्फ 600 करोड़ की मदद पर दी सफाई, UAE बोला- नहीं किया 700 करोड़ की मदद का एलान
Kerala flood: यूएई के एक अधिकारी ने कहा है कि यूएई केरल बाढ़ के लिए 700 करोड़ रुपये की मदद के की आधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं की.

नई दिल्ली: केरल बाढ़ की त्रासदी में मदद के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ रहे हैं. सबसे अधिक पैसे का ऑफर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने किया. इसी ऑफर लेने- न लेने को लेकर केरल के राजनीतिक दलों और केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी के बीच बहस शुरू हो गई है. केरल सरकार, वामदल और कांग्रेस ने जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि वे यूएई के ऑफर को स्वीकार करें. वहीं केंद्र सरकार ने परंपरा का हवाला देते हुए मदद लेने से इनकार किया है. केंद्र की दलील है कि भारत घरेलू आपदाओं से निपटने में खुद सक्षम है. 5 प्वांट्स में समझें पूरा मामला-
1. यूएई के एक अधिकारी ने कहा है कि हमने 700 करोड़ रुपये की मदद के लिए आधिकारिक तौर पर ऑफर नहीं किया था. यूएई के राजदूत अहमद अलबन्ना ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि यूएई ने आर्थिक मदद की घोषण नहीं की. उन्होंने कहा, ''बाढ़ के बाद जरूरतों का आकलन किया जा रहा है. क्योंकि अभी तक इस पर कोई अंतिम मुहर नहीं लगी है इसलिए इस राशि को फाइनल नहीं कहा जा सकता है.'' ध्यान रहे की मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि यूएई ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है.
2. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 21 अगस्त को दावा किया था कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने बाढ़ प्रभावित राज्य केरल के पुनर्निर्माण के लिए 10 करोड़ डॉलर (700 करोड़ रुपये) की वित्तीय सहायता की प्रतिबद्धता जताई है. विजयन ने कहा था कि यूएई ने प्रधानमंत्री मोदी को सूचित किया है कि वह केरल को 10 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद देगा. उन्होंने कहा था, "आज सुबह यूएई के शाह ने हमारे प्रधानमंत्री को बताया और उन्होंने हमारे विधायक यूसुफ अली को इस बारे में सूचित किया."
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3. केरल में बाढ़ से 21,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. पिनराई सरकार केंद्र से 2000 करोड़ रुपये की मांग कर रही है. वहीं केंद्र ने अब तक 600 करोड़ रुपये की घोषणा की है. हालांकि केंद्र सरकार ने विदेशी मदद लेने से इनकार करने के बाद आश्वस्त किया है कि 600 करोड़ सिर्फ अग्रिम सहायता थी और नुकसान के आकलन के लिये अंतर-मंत्रालयी दल के राज्य के दौरे के बाद अतिरिक्त रकम जारी की जाएगी.
4. केरल में बाढ़ से कम से कम 400 लोगों की मौत हो चुकी है. लाखों लोग अभी भी राहत शिविरों में ठहरे हैं. हालांकि शिविरों में ठहरे लोग बर्बाद हो चुके मकान की ओर लौट रहे हैं. स्थानीय लोगों को खाने के अलावा अन्य जरूरी सामानों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. राहत-बचाव दल उन तक जरूरी सामान पहुंचाने के लिए प्रयासरत है. घरों और सड़कों पर जमा गंदगी को साफ करने के लिए टीमें लगाई गई है. बाढ़ से जमा पानी के प्रदूषण से बचने के लिए भारी मात्रा में दवाएं उपलब्ध करायी जा रही है.
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5. केरल के सभी 14 जिलों में आई भीषण बाढ़ से निपटने के लिए बड़े स्तर पर राहत अभियान चलाया गया था. इस अभियान में 40 हेलीकॉप्टर, 31 विमान, 182 राहत दल, रक्षा बलों के 18 चिकित्सा दल, एनडीआरएफ के 58 दल, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की सात कंपनियां शामिल थी. इसके अलावा आवश्यक राहत उपकरणों के साथ 500 नौकाएं भी राहत कार्य के लिये लगाई गई. विपक्ष और केरल सरकार लगातार केरल बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर रही है.
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