Hijab Controversy: हिजाब विवाद पर कर्नाटक HC में कल फिर होगी सुनवाई, वकील बोले- धर्म के कारण मुस्लिम छात्राओं से हो रहा भेदभाव
Hijab Row: हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) में सुनवाई हो रही है. सुनवाई दोपहर 2.30 बजे शुरू हुई.

Karnataka High Court Hearing: हिजाब विवाद (Hijab Controversy) पर कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) में आज सुनवाई हुई. सुनवाई दोपहर 2.30 बजे शुरू हुई. याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रवि वर्मा कुमार ने अपनी दलीलें दीं. उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिनियम के अनुसार, यदि हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई नियम लाया जाना है, तो माता-पिता को इसके बारे में कम से कम एक साल पहले सूचित करना आवश्यक है.
रवि वर्मा कुमार ने कहा कि शासनादेश में किसी अन्य धार्मिक चिन्ह पर विचार नहीं किया गया है. सिर्फ हिजाब ही क्यों? क्या यह उनके धर्म के कारण नहीं है? मुस्लिम लड़कियों के साथ भेदभाव विशुद्ध रूप से धर्म पर आधारित है. उन्होंने दलील देते हुए आगे कहा कि सरकार अकेले हिजाब क्यों उठा रही है. चूड़ी पहने हिंदू लड़कियों और क्रॉस पहने ईसाई लड़कियों को बाहर नहीं भेजा जाता है.
कल फिर होगी सुनवाई
हाई कोर्ट में सुनवाई दिन के लिए संपन्न हुई. पीठ शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कल 17 फरवरी को फिर से सुनवाई करेगी.
कर्नाटक में आज से प्री-यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेज भी खुले
कर्नाटक में आज से ही प्री-यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेज भी खुल गए हैं. कई क्षेत्रों से छात्रों और कॉलेज के अधिकारियों के बीच झगड़े की खबरें आई थीं, जब लड़कियों को हिजाब हटाकर कक्षा में बैठने के लिए कहा गया था. इस बीच, बागलकोट, बैंगलोर, चिक्काबल्लापुरा, गडग, शिमोगा, तुमकुर, मैसूर, उडुपी और दक्षिण कन्नड़ में धारा 144 लागू कर दी गई है.
इससे पहले मंगलवार को जब हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी तब कुंडापुरा कॉलेज के मुस्लिम छात्रों की ओर से पेश अधिवक्ता देवदत्त कामत ने हिजाब मामले और तुर्की, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका की अदालतों द्वारा धर्म और धार्मिक प्रतीकों के संबंध में दिए गए निर्णयों के बीच तुलना की.
क्या है हिजाब विवाद
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिजाब का विवाद उडुपी के महाविद्यालय में सबसे पहले तब शुरू हुआ था जब 6 लड़कियां पिछले साल दिसंबर में हिजाब पहनकर क्लास में पहुंचीं थीं. इसके जवाब में महाविद्यालय में कुछ लोग भगवा गमछा पहनकर पहुंचे. धीरे-धीरे यह विवाद राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया जिससे कई स्थानों पर शिक्षण संस्थानों में तनाव का महौल पैदा हो गया और हिंसा हुई. ये पूरा मामला कर्नाटक के अलावा देश के कई राज्यों में फैल चुका है.
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Source: IOCL






















